हमारे दैनिक जीवन में अनेक छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं, अपनी नकारात्मक सोच से हम स्वयं ही उन्हें बड़ा कर देते हैं और तनावग्रस्त हो जाते हैं जैसे--- आप ऑफिस चले गये, घर में कोई नहीं है, पास-पड़ोस के बच्चों ने आपके बगीचे के फल तोड़ लिये । अब यदि आप घर आकर यह सब देखकर परेशान होते हैं, पास-पड़ोस में पूछताछ करते है, क्रोध करते हैं तो ये नकारात्मक तरीका है, इससे आपकी उर्जा व्यर्थ में बर्बाद होगी, तनाव बढ़ेगा ।
अब इसका सकारात्मक पहलू देखिये--- बच्चों ने फल तोड़े , खाये इससे घर में रौनक रही, अन्यथा सूने घर में चोर भी घुस कर बड़ी चोरी कर सकते थे |
बच्चे जितनी देर बगीचे में रहे होंगे, बहुत ख़ुश, खिलखिलाकर हँसते रहे होंगे इससे आपके घर में सकारात्मक उर्जा रही, फिर यह भी सोच लीजिये कि आपके बगीचे के फलों से किसी का पेट भरा , यह भी एक पुण्य हो गया । इस तरह सोचकर आप अपने मन को शांत रख सकते हैं और फिर किसी दिन बच्चों को ऐसा न करने के लिए समझा सकते हैं ।
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