समाज में अशान्ति की एक बहुत बड़ी वजह है कि लोग स्वयं को किसी सकारात्मक कार्य में व्यस्त नहीं रखते , श्रेष्ठ साहित्य पढने में उनकी रूचि नहीं है । ऐसा वर्ग ही नकारात्मक गतिविधियों में लगा रहता है जिससे तनाव उत्पन्न होता है । इस वर्ग के लोग गली - मोहल्लों में , विभिन्न संस्थाओं में भी होते हैं जो नेताओं की , अधिकारियों की चापलूसी कर स्वयं को बहुत शक्तिशाली समझने लगते हैं । एक ज्ञानवान व्यक्ति , प्रतिष्ठित व्यक्ति कोई बात कहे तो अधिकांश लोग उसकी बात स्वीकार कर लेते हैं लेकिन जब ऐसे लोग जिनमे कोई ज्ञान नहीं है , केवल अहंकार है और चापलूसी से अर्जित शक्ति है , उनकी हुकूमत को जब कोई सहन नहीं करता है तो अशांति उत्पन्न होती है । ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नियंत्रण जरुरी है ।
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