जो सद्गुण संपन्न हैं वे सबके साथ बहुत नम्रता का व्यवहार करते हैं , किसी को कष्ट नहीं देते l ऐसे लोग आज बहुत कम व बिखरे हुए हैं l आज ऐसे लोगों की भरमार है जिन्होंने अनैतिक तरीके से बहुत धन कमा लिया , शक्ति , पद हासिल कर लिया l लेकिन इच्छाएं ख़त्म नहीं हुईं l ऐसे व्यक्ति हर किसी से कोई न कोई फायदा उठाना चाहते हैं , अपने स्वार्थ के लिए दूसरे को इस्तेमाल करना चाहते हैं l उनकी यह मंशा पूरी न हो पाए तो फिर उसके विरुद्ध षडयंत्र रचेंगे , उपेक्षा करेंगे , उनके विरुद्ध लोगों के मन में जहर भरेंगे , उसको नीचा दिखाने का , उसकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का हर संभव प्रयास करेंगे l
सबसे बड़ी दुर्बुद्धि यही है कि अँधेरा अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए प्रकाश को अन्दर आने ही नहीं देता l जरुरी है धैर्य और संगठित प्रयास की l
सबसे बड़ी दुर्बुद्धि यही है कि अँधेरा अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए प्रकाश को अन्दर आने ही नहीं देता l जरुरी है धैर्य और संगठित प्रयास की l
No comments:
Post a Comment