सुख- शान्ति से वही जी सकता है जो जीवन जीना जानता है |
आज के युग में जो कर्मयोगी है , वही सफल है | केवल भक्ति करना---- काम से जी चुराना है | और व्यक्ति केवल कर्म करे तो अहंकारी हो जाता है |
इसलिए भक्ति को अपने कर्म में मिला लें ---- कोई भी कार्य करें , उसे ईश्वर को जो अपने पास है उसमे खुश रहकर समर्पित कर करें दिन भर के विभिन्न कार्यों के साथ मन ही मन में ईश्वर को याद कर लें | जो कुछ ईश्वर ने दिया है उसमे खुश रहकर आगे बढ़ने का करें ईमानदारी से प्रयास करें |
आज के युग में जो कर्मयोगी है , वही सफल है | केवल भक्ति करना---- काम से जी चुराना है | और व्यक्ति केवल कर्म करे तो अहंकारी हो जाता है |
इसलिए भक्ति को अपने कर्म में मिला लें ---- कोई भी कार्य करें , उसे ईश्वर को जो अपने पास है उसमे खुश रहकर समर्पित कर करें दिन भर के विभिन्न कार्यों के साथ मन ही मन में ईश्वर को याद कर लें | जो कुछ ईश्वर ने दिया है उसमे खुश रहकर आगे बढ़ने का करें ईमानदारी से प्रयास करें |
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