आज के समय में नैतिकता का अभाव होने के कारण व्यक्ति विश्वसनीय नहीं रहा | समस्याएं सबके जीवन में आती हैं , पहले लोग एक दूसरे की मदद करते थे , तो कष्ट- परेशानियों की चुभन इतनी नहीं होती थी । लेकिन अब परिवारों में दूरियाँ बढ़ गई हैं । रिश्ते , दोस्ती सब में स्वार्थ प्रमुख हो गया है । स्वार्थ और ईर्ष्या की वजह से ही ऐसे अपराधों में वृद्धि हुई है जो कानून की निगाह में नहीं आते -- जैसे परिवारों में हिंसा , सम्पति आदि के झगड़े । इसी तरह विभिन्न कार्य स्थल पर मानसिक उत्पीड़न ।
ऐसे व्यक्ति जो लोगों को मानसिक रूप से उत्पीड़ित करते हैं , कानून की पकड़ में न आने के कारण उनके हौसले बढ़ते जाते हैं । वास्तविक अपराधी सामने नही आता , धन व सुविधाओ का लालच देकर वे दूसरों को मोहरा बना लेते हैं । इसी वजह से समाज में अशान्ति होती है ।
जब लोगों को ईश्वर से भय होगा , ईश्वरीय विधान में विश्वास होगा तभी समाज में शान्ति होगी ।
ऐसे व्यक्ति जो लोगों को मानसिक रूप से उत्पीड़ित करते हैं , कानून की पकड़ में न आने के कारण उनके हौसले बढ़ते जाते हैं । वास्तविक अपराधी सामने नही आता , धन व सुविधाओ का लालच देकर वे दूसरों को मोहरा बना लेते हैं । इसी वजह से समाज में अशान्ति होती है ।
जब लोगों को ईश्वर से भय होगा , ईश्वरीय विधान में विश्वास होगा तभी समाज में शान्ति होगी ।
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