आज की आपा - धापी की जिन्दगी में प्रत्येक व्यक्ति परेशान है l जीवन में अनेक समस्याएं हैं इस कारण लोग तनाव में जी रहे हैं | व्यक्ति अपने लालच , स्वार्थ और अहंकार वश दूसरों को परेशान करता है , लेकिन सबसे बड़ी परेशानी मनुष्य का अपना स्वयं का मन है l अपने ही क्रोध , कामना , वासना से व्यक्ति परेशान रहता है और इसी की वजह से अनेक सांसारिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं l इन सब से मुक्ति के लिए जरुरी है कि हम कुछ समय सब बातों को भूलकर ईश्वर से प्रार्थना करें l
हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या अच्छा है क्या बुरा , इसलिए हमेशा सद्बुद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें l केवल एक सद्बुद्धि होने से जीवन की सारी समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं l
शरीर में कोई बीमारी है तो उसका इलाज अवश्य कराएँ , लेकिन प्रार्थना में इस सत्य को अवश्य स्वीकारें कि अपने ही इस जन्म या पिछले किसी जन्म के पापों के फलस्वरूप यह बीमारी है और फिर सच्चे मन से अपनी जाने - अनजाने भूलों के लिए पश्चाताप और भविष्य में सन्मार्ग पर चलने की शक्ति देने के लिए प्रार्थना करें l हमें यह याद रखना चाहिए कि निष्काम कर्म भी हम ईश्वर की कृपा से ही कर पाते हैं l जब हम अपने जीवन में निष्काम कर्म करते हैं और सच्चे दिल से प्रार्थना करते हैं , तो वे प्रार्थनाएं अवश्य सुनी जाती हैं l हमें सन्मार्ग पर चलते हुए धैर्य और विश्वास रखना चाहिए और उस आत्मिक आनन्द का इन्तजार करना चाहिए कि उस अज्ञात शक्ति की नजरों से हम दूर नहीं , उसने हमारी प्रार्थना सुन ली l
हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या अच्छा है क्या बुरा , इसलिए हमेशा सद्बुद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें l केवल एक सद्बुद्धि होने से जीवन की सारी समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं l
शरीर में कोई बीमारी है तो उसका इलाज अवश्य कराएँ , लेकिन प्रार्थना में इस सत्य को अवश्य स्वीकारें कि अपने ही इस जन्म या पिछले किसी जन्म के पापों के फलस्वरूप यह बीमारी है और फिर सच्चे मन से अपनी जाने - अनजाने भूलों के लिए पश्चाताप और भविष्य में सन्मार्ग पर चलने की शक्ति देने के लिए प्रार्थना करें l हमें यह याद रखना चाहिए कि निष्काम कर्म भी हम ईश्वर की कृपा से ही कर पाते हैं l जब हम अपने जीवन में निष्काम कर्म करते हैं और सच्चे दिल से प्रार्थना करते हैं , तो वे प्रार्थनाएं अवश्य सुनी जाती हैं l हमें सन्मार्ग पर चलते हुए धैर्य और विश्वास रखना चाहिए और उस आत्मिक आनन्द का इन्तजार करना चाहिए कि उस अज्ञात शक्ति की नजरों से हम दूर नहीं , उसने हमारी प्रार्थना सुन ली l