आज की सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि मनुष्य सुख - शांति तो चाहता है , लेकिन उसके लिए स्वयं को बदलने को तैयार नहीं है l समाज का बहुत बड़ा भाग आज नशे का शिकार है l भारत एक गर्म जलवायु का देश है l शराब , मांसाहार उन देशों के निवासियों के लिए उचित है जहाँ ठण्ड बहुत पड़ती है l भारत जैसे गर्म जलवायु में रहने वाले लोगों के लिए शराब और मांसाहार जहर का काम करता है , इसके सेवन से बुद्धि भ्रमित हो जाती है , मनुष्य विवेकशून्य हो जाता है , सोचने - समझने की शक्ति नहीं रहती , वक्त पर सही निर्णय नहीं ले सकते l शराब के अधिक सेवन से व्यक्ति चाहे साधारण हो या बड़ा अधिकारी हो , बेहोशी की हालत में रहता है , और कोई भी काम जिम्मेदारी से नहीं करता है l
शराब के साथ फिर गुटका , तम्बाकू , सिगरेट , और समाज में विभिन्न तरीके से परोसी जाने वाली अश्लीलता ---- इन सबकी वजह से ही समाज में अपराध , हत्याएं , दुष्कर्म और प्राकृतिक प्रकोप बढ़े हैं l जरुरी है कि मनुष्य अपना हठ छोड़कर सन्मार्ग पर चले l
शराब के साथ फिर गुटका , तम्बाकू , सिगरेट , और समाज में विभिन्न तरीके से परोसी जाने वाली अश्लीलता ---- इन सबकी वजह से ही समाज में अपराध , हत्याएं , दुष्कर्म और प्राकृतिक प्रकोप बढ़े हैं l जरुरी है कि मनुष्य अपना हठ छोड़कर सन्मार्ग पर चले l