जीवन में बड़ी समस्याएं तो कभी - कभी ही आती हैं , व्यक्ति को प्रतिदिन अनेक छोटी - छोटी समस्याओं से जूझना पड़ता है , इन समस्याओं के प्रति अपना रुख नकारात्मक होने से फिर वही समस्याएं जटिल हो जाती हैं । जैसे व्यापार में घाटा हो तो इस हानि के बारे में न सोचें , जो सम्पति अपने पास बची है उसकी खुशी मनाएं । इसी तरह यदि एक्सीडेंट हो जाये , चोट लग जाये तो इस बात का दुःख न मनाएं , इस बात के लिए मन को खुश रखें की जान तो बची ।
जान है तो जहान है ।
समस्या ये है कि सकारात्मक सोच बने कैसे ? नकारात्मक बातों में ज्यादा मन लगता है । निष्काम कर्म को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें और कभी किसी का अहित न करें । इससे धीरे - धीरे मन में यह बात बैठ जायेगी कि जब हम किसी का अहित नहीं कर रहें हैं तो हमारा अहित नहीं होगा । ऐसी सकारात्मक सोच से समस्या आसानी से हल हो जायेगी ।
जान है तो जहान है ।
समस्या ये है कि सकारात्मक सोच बने कैसे ? नकारात्मक बातों में ज्यादा मन लगता है । निष्काम कर्म को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें और कभी किसी का अहित न करें । इससे धीरे - धीरे मन में यह बात बैठ जायेगी कि जब हम किसी का अहित नहीं कर रहें हैं तो हमारा अहित नहीं होगा । ऐसी सकारात्मक सोच से समस्या आसानी से हल हो जायेगी ।