समाज पर दुर्बुद्धि का प्रकोप है ---- जो लोग सब को मिटाना चाहते हैं , उन्हें पता नहीं कि लाशों पर राज करने में कोई आनंद नहीं ।
कुछ लोग ऐसे हैं जो अति आनंद प्राप्त करने के लिए अनजाने में स्वयं को मार रहे हैं । व्यक्ति संसार में सुख भोगना तो बहुत चाहता है , लेकिन वह विभिन्न व्यसनों में अपने ही शरीर को नष्ट कर रहा है तो सुख कैसे मिलेगा ? इसलिए सब लोग इस अतृप्ति की वजह से अशांत हैं ।
आज समाज का बहुत बड़ा हिस्सा सिगरेट , तम्बाकू और शराब की लत का शिकार है ।
लोगों में यह समझ विकसित होनी चाहिए कि आज समाज पर बम , मिसाइल से आक्रमण नहीं है , ऐसे व्यसन की आदत डालकर समाज का एक बड़ा हिस्सा अन्दर से कमजोर होता जा रहा है , किसी भी संकट का सामना करने की हिम्मत नहीं है |
जिन देशों की जलवायु ठंडी है वहां शराब पीना ज्यादा हानिकारक नहीं होता लेकिन जहाँ की जलवायु गर्म है वहां शराब जहर है । सिगरेट और तम्बाकू का सेवन तो प्रत्येक व्यक्ति के लिए हानिकारक हैं ।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए कि ---- विभिन्न व्यसनों में लिप्त होकर अपने शरीर को नष्ट करना है या संसार में कुछ सकारात्मक कार्य कर के दीर्घ अवधि तक सुख से जीना है ।
ऐसे व्यसनों की वजह से ही परिवार टूट रहे हैं । हर व्यक्ति के भीतर एक आत्मा होती है जो पवित्र होती है और सही और गलत जानती है । ये व्यसन ऐसे हैं जो व्यक्ति को सीढ़ी - दर - सीढ़ी नीचे गिराते जाते हैं , इससे व्यक्ति में हीनता की भावना पनपती है , आत्मविश्वास कम होता है और पारिवारिक कलह होती है ।
कुछ लोग ऐसे हैं जो अति आनंद प्राप्त करने के लिए अनजाने में स्वयं को मार रहे हैं । व्यक्ति संसार में सुख भोगना तो बहुत चाहता है , लेकिन वह विभिन्न व्यसनों में अपने ही शरीर को नष्ट कर रहा है तो सुख कैसे मिलेगा ? इसलिए सब लोग इस अतृप्ति की वजह से अशांत हैं ।
आज समाज का बहुत बड़ा हिस्सा सिगरेट , तम्बाकू और शराब की लत का शिकार है ।
लोगों में यह समझ विकसित होनी चाहिए कि आज समाज पर बम , मिसाइल से आक्रमण नहीं है , ऐसे व्यसन की आदत डालकर समाज का एक बड़ा हिस्सा अन्दर से कमजोर होता जा रहा है , किसी भी संकट का सामना करने की हिम्मत नहीं है |
जिन देशों की जलवायु ठंडी है वहां शराब पीना ज्यादा हानिकारक नहीं होता लेकिन जहाँ की जलवायु गर्म है वहां शराब जहर है । सिगरेट और तम्बाकू का सेवन तो प्रत्येक व्यक्ति के लिए हानिकारक हैं ।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए कि ---- विभिन्न व्यसनों में लिप्त होकर अपने शरीर को नष्ट करना है या संसार में कुछ सकारात्मक कार्य कर के दीर्घ अवधि तक सुख से जीना है ।
ऐसे व्यसनों की वजह से ही परिवार टूट रहे हैं । हर व्यक्ति के भीतर एक आत्मा होती है जो पवित्र होती है और सही और गलत जानती है । ये व्यसन ऐसे हैं जो व्यक्ति को सीढ़ी - दर - सीढ़ी नीचे गिराते जाते हैं , इससे व्यक्ति में हीनता की भावना पनपती है , आत्मविश्वास कम होता है और पारिवारिक कलह होती है ।