इस संसार में सदा से ही अच्छाई और बुराई में संघर्ष चलता रहता है l बुराई के पास स्वयं को जीवित रखने का केवल एक ही तरीका है कि सच्चाई की राह पर चलने वालों को हर संभव प्रयास कर के आत्महीनता की स्थिति में पटक दे , जिससे वे तरक्की न कर पायें और बुराई का साम्राज्य कायम हो जाये l इसलिए सत्य की राह पर चलने वालों को जागरूक रहना चाहिए , किसी भी परिस्थिति में अपना आत्मविश्वास डिगने न दे l आत्मविश्वास ही ईश्वर विश्वास है l अंधकार कितना भी क्यों न हो , सुबह अवश्य होती है l
Thursday, 31 January 2019
Wednesday, 30 January 2019
नकारात्मक विचारों के लोगों से स्वयं को दूर रखें
इस संसार में भांति - भांति के लोग हैं l मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और वह समाज में मिलजुलकर रहना चाहता है l समाज में अनेक लोग ऐसे होते हैं जिनका काम हमेशा दूसरों में कमियां निकालना होता है l ऐसे लोग अच्छाई में भी बुराई खोजते हैं जैसे कितना भी सुन्दर पार्क होगा , मक्खी वहां गंदगी को ढूंढ कर उसी पर बैठेगी l ऐसे नकारात्मक लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों के साथ रहकर यदि हर बात में कमियां खोजने की आदत पड़ जाये तो व्यक्ति जीवन में कभी खुश नहीं रह सकता , हमेशा तनाव में रहेगा l
यदि हम हमेशा गुणों की चर्चा करेंगे , बुराई में भी अच्छाई को ढूंढेंगे तो वातावरण सकारात्मक होगा l स्वस्थ और तनावरहित जीवन के लिए सकारात्मकता जरुरी है l
यदि हम हमेशा गुणों की चर्चा करेंगे , बुराई में भी अच्छाई को ढूंढेंगे तो वातावरण सकारात्मक होगा l स्वस्थ और तनावरहित जीवन के लिए सकारात्मकता जरुरी है l
Sunday, 13 January 2019
संसार में अशांति का एकमात्र कारण है ---- सद्बुद्धि की कमी
लोग धन संपन्न हों , ऊँचे पद पर हों , बाहरी तौर पर बहुत सुखी - संपन्न दिखाई देते हैं लेकिन ऐसे लोग सामान्य लोगों से ज्यादा तनाव में रहते हैं l जब व्यक्ति तरक्की की राह पर होता है , सुख - वैभव बढ़ता जाता है तब वह अपने सुखों में इतना मग्न हो जाता है कि अपनी तरक्की के अनुपात में या थोड़े भी सत्कर्म नहीं करता l कहते हैं विवेक , सद्बुद्धि ईश्वर की कृपा से मिलती है और ईश्वर की कृपा सत्कर्म करने से , सन्मार्ग पर चलने से मिलती है विवेक होने पर ही व्यक्ति अपने जीवन में सही निर्णय ले पाता है l जीवन में एक कदम भी गलत हो तो मंजिल तक पहुंचना कठिन होता है l
Thursday, 10 January 2019
सुख - शान्ति से जीने के लिए ईश्वर विश्वास जरुरी है
केवल कर्मकांड करना ईश्वर विश्वास नहीं है l जो ईश्वर में विश्वास करते हैं वे सदाचारी होते हैं , सेवा , परोपकार के कार्य करते हैं , कर्तव्य पालन ईमानदारी से करते हैं l इस संसार को सुन्दर बनाने के लिए अपनी सामर्थ्य भर प्रयास करते हैं ताकि ईश्वर की कृपा मिल सके l ऐसे लोग कभी भयभीत नहीं होते , उन्हें ईश्वर की सत्ता में विश्वास होता है कि जो होगा अच्छा होगा , उसी में हमारी भलाई होगी l
आज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि व्यक्ति सदाचारी जीवन नहीं जीता l अपनी कामना , वासना ,लालच , ईर्ष्या - द्वेष के कारण वह जीवन में अनेक ऐसे काम करता है जिनके लिए उसकी आत्मा गवाही नहीं देती , आत्मा को कष्ट होता है इससे तनाव उत्पन्न होता है , मन बोझिल बना रहता है l अपने विकारों को दूर कर के ही शांति से रहा जा सकता है l
आज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि व्यक्ति सदाचारी जीवन नहीं जीता l अपनी कामना , वासना ,लालच , ईर्ष्या - द्वेष के कारण वह जीवन में अनेक ऐसे काम करता है जिनके लिए उसकी आत्मा गवाही नहीं देती , आत्मा को कष्ट होता है इससे तनाव उत्पन्न होता है , मन बोझिल बना रहता है l अपने विकारों को दूर कर के ही शांति से रहा जा सकता है l
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