Thursday 29 March 2018

अति महत्वाकांक्षा अनेक समस्याओं का कारण है

     आज  की  सबसे  बड़ी  समस्या  यह  है  कि   जो  धन -संपन्न  हैं , उच्च  पदों  पर  हैं  उन्होंने  इस  स्थिति  को  अपनी  बपौती  समझ  लिया  है  l  अपनी  सन्तान  को   चाहे  वह  अयोग्य  हो  , उसे  वे   ऊँचे  पद  पर ---डाक्टर , इंजीनियर, उच्च  अधिकारी  देखना  चाहते  हैं  l  ऐसी  सन्तान  जो   अयोग्य  है  और  परिश्रम  भी  नहीं  करना  चाहती ,  उसके  लिए   अनेक  धनाढ्य  माता - पिता   दस - बीस  लाख और  उससे  भी  ज्यादा  धन  खर्च  कर  के  , उसे  विभिन्न  परीक्षाओं  में  पास  कराना  चाहते  हैं  और   इस  कार्य  में  सक्रिय  विभिन्न  गैंग  से  मिलकर  ऐसे  घोटालों   को  अंजाम  देते  हैं   l
  कुछ  लोगों  की  गलतियों   का  दुष्परिणाम    अनेक   योग्य  और  परिश्रमी  छात्र - छात्राओं  को  भुगतना  पड़ता  है  ,  ठीक  उसी  तरह  जैसे  बाढ़ , तूफान  अच्छा - बुरा  नहीं  देखता  सबको  बहा  ले  जाता  है  l 
  जब  माता - पिता    ईमानदार  और  कर्तव्यनिष्ठ  होंगे  तभी  वे   नई  पीढ़ी  को  संवार  सकेंगे  अन्यथा  प्रकृति  न्याय  करेगी  l 

Friday 23 March 2018

निर्भय होकर जीना जरुरी है

   किसी  भी  समाज  में  अन्याय , अत्याचार , शोषण , उत्पीड़न  इसलिए  बढ़ता  है   क्योंकि  लोग  उसे  चुपचाप  सहन  करते  हैं  l   एक  गरीब , मजबूर  या  स्वयं  ही  अपनी  मुसीबतों  में  फँसा  हुआ  व्यक्ति  ऐसे  अत्याचार  के  विरुद्ध  खड़ा  न  हो  पाए , यह  एक  अलग  बात  है   लेकिन  बहुसंख्यक  ऐसे  हैं  जो  अति  का  लालच  , महत्वाकांक्षा  और  स्वार्थ   के  कारण  अत्याचारियों  का  साथ  देते  हैं  ,  अन्याय  होता  हुआ  देखते  हैं  और  चुप  रहते  हैं  l  अनेक  समर्थ  व्यक्ति   जो  अन्याय  को  रोक  सकते  हैं  , वे  सिर्फ  इसलिए  चुप  रहते  हैं  ताकि  उनकी ' दुकान '  चलती  रहे   l  सोचते  हैं -- ' हमें  क्या  करना , जो  हो  सो  हो  '  l  ऐसे  असंवेदनशील  लोगों  की  वजह  से  छोटे - छोटे  नेता , जो  बड़े  नेताओं  के  संरक्षण  में  पल  रहे  हैं , वे  भी  अत्याचार , अन्याय  करने  लगते  हैं  l
  शिकायत  करें  भी  तो  किससे  करें  ?  इसका  एक  ही  हल  है --- निर्भय  होकर  जियें ,  जब  तक  जीना  है  शान  से  जिएं l   इसमें  एक  बात  ध्यान  रखनी  होगी  कि  हम  किसी  का  अहित  न  करें  l  केवल  ईश्वर  से  डरें,  कोई  गलत  काम  न  करें  l  तभी  स्वाभिमान  से , निर्भय  होकर  जी  सकते  हैं  l  

Thursday 22 March 2018

अशान्ति का कारण है --- अनुशासनहीनता

  आज  के  समय  में  युवकों  को   सही  दिशा  देने  वाला  कोई  नहीं  है  l  अनेक  लोग  युवाओं  को   सही  दिशा  देने  के  लिए  प्रयत्नशील  हैं  लेकिन  भ्रष्टाचार  और  ' नेतागिरी '  इतनी  है  कि  उसने  अच्छाई  को  ढक  दिया  है  l  सर्वप्रथम   बच्चे  अपने  परिवार  से  सीखते  है   l  यदि  परिवार  में  माता -पिता , भाई  आदि  परिवार  के  सदस्य  आदि  स्वार्थ , बेईमानी , झूठ , कर्तव्यहीनता , शेखी  दिखाना ,  नशा ,  अहंकार , भ्रष्टाचार  जैसे  दुर्गुणों  से  ग्रस्त  हैं   तो  उन  परिवारों  के  बच्चे , युवा  सब  ऐसी  ही  गलत  राह  पर  चलते  हैं  l   इस  पर  नेताओं  का  संरक्षण , दंड  का  भय  न  होना ,  रिश्वत  देकर ' अपराधी '  कहलाने  से  भी  बच  जाना  , पैसों  की  दम  पर  स्वयं  को  निर्दोष  साबित  करना ---- ये  सब  बातें  उद्दंडता  को  और  बढ़ाती  हैं  l  यदि  कोई  युवक  या  नाबालिग  कोई  अपराध  करता  है  तो  यह  निश्चित  है  कि  उसके  परिवार  के  सदस्य , पिता  आदि  अपराध  से  जुड़े  हैं  l  बबूल  के  पेड़  में  आम  नहीं  लगता  l  बड़े  शहरों  में  तो  लोग  कम  से  कम  यातायात  के  नियमों  का  पालन  कर  ही  लेते  हैं  लेकिन  छोटे  शहरों  में  उद्दंडता  और  लापरवाही  इतनी  है  कि   यातायात  के  नियमों  को  भी  ताक  पर  रखकर  लोग  गाड़ी  दौड़ाते  हैं  l  भगवान  भरोसे  जो  कोई  सुरक्षित  घर  आ  जाये  l 
  आज  धर्म  के  नाम  पर  हर  धर्म  के  लोग  अपनी  शक्ति - प्रदर्शन  करते  हैं  l  ईश्वरीय  न्याय  का  आज  किसी  को  डर  नहीं  है  , ओछे  हथकंडों  से  लोग  अपने  को  धार्मिक ,  ईश्वर  भक्त  दिखाना  चाहते  हैं   l  अपनी  बुराइयों  को,   दुष्प्रवृतियो  को  दूर  कर  अपने  ह्रदय  के  भगवान  को  जगाना  नहीं  चाहते  l  

Wednesday 14 March 2018

जागरूकता की कमी अनेक समस्याओं का कारण है

जीवन में  अधिकांश  समस्याएं  इसलिए  उत्पन्न  होती  हैं  क्योंकि  हम  जागरूक  नहीं  है  l  केवल  प्रश्न - उत्तर   रट  लेने  से , परीक्षा  पास  कर  लेने  से  जागरूकता  नहीं  आती  l  श्रेष्ठ  साहित्य  का  अध्ययन  करना , महापुरुषों  के  प्रेरक - प्रसंग  पढना , शिक्षाप्रद  कहानियां  पढना अर्थात  स्वाध्याय  से  समझ  विकसित  होती  है  l  इस  समझ  की  कमी  की  वजह  से  ही  आज  का  युवा  वर्ग  परेशान  है  l 
 शोषण  व  अत्याचार  करने  वाले   इतने  चालाक,  इतने  होशियार  होते  हैं  कि  एक  सामान्य  बुद्धि  का  व्यक्ति  समझ  ही  नहीं  पाता  कि  उसका  शोषण  हो  रहा  है ,  उसका  हक़  छीना  जा  रहा  है  l
    आज  की  समस्याएं  ताकत  से  नहीं ,  बुद्धि  और  विवेक  से  सुलझ  सकती  हैं  l एक  ओर    युवा  वर्ग  यदि  रोजगार  के  लिए  परेशान  है  तो  दूसरी  ओर  अनेक  ऐसी  संस्थाएं  हैं  जो  रिटायर  हुए  लोगों  को  जो 67-68 वर्ष  से  भी  अधिक  आयु  के  हैं ,  उन्हें  रोजगार  देती  हैं  l  उन्हें  दो तरफ़ा लाभ  हो जाता  है -- पेंशन  भी  और  वेतन  भी  लेकिन  युवा  वर्ग  जागरूकता  और  सही  दिशा  के  अभाव  में  बेरोजगार  रह  जाता  है  l  युवाओं  को  -- चाहे  वे  युवक  हों  या  युवतियां -- अपने  सपनो  की  दुनिया  से  बाहर  आना  होगा l  जागरूक  होना  होगा   l  ज्ञान  और  समझदारी  से  ही  समस्याएं  हल  होती  हैं  l  

Sunday 11 March 2018

नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से प्रेरणा ग्रहण करती है

  आज  की  सबसे  बड़ी  समस्या  यह  है  कि  युवाओं  को  मार्गदर्शन  देने  वाला  कोई  नहीं  है   l  जो  बड़ी  उम्र  के  हैं  वे  धन  और  पद  के  लालच  में   बेईमानी  और  भ्रष्टाचार  में  गहरे  डूबे  हुए  हैं   l  ये  लोग  अपने  स्वार्थ  के  लिए  नई  पीढ़ी  को  भी  इस्तेमाल  करते  हैं  l   आयु  बढ़ने  के  साथ  त्याग  और वैराग्य  का  भाव  बढ़ना  चाहिए ,  वह  कहीं  नहीं  दिखाई  देता , कामना , वासना  और  तृष्णा  बढ़ती  ही  जाती  है  l  व्यक्ति  अपनी  आखिरी  सांस  तक  इन्ही  की  पूर्ति  में  लगा  रहता  है  l  अच्छे  और  विवेकशील  लोग  भी    बहुत  हैं  लेकिन   अंधकार  इतना  घना  है  ,  दुर्बुद्धि  का  ऐसा  प्रकोप  है  कि  अच्छाई    इस  अंधकार  को  चीर  कर  बाहर  नहीं  आ  रही  l 
  हमें  आशावान  होना  चाहिए   और  ईश्वर  से  सद्बुद्धि  के  लिए  प्रार्थना  करनी  चाहिए  l  अंधकार  कितना  भी  घना   हो  ,  सुबह  अवश्य  होगी  l 

Thursday 8 March 2018

नारी सशक्तिकरण के लिए समाज को संवेदनशील होना पड़ेगा

 संवेदनहीन  होने  के  कारण   ही  मनुष्य  के  भीतर  छुपा  दानव  जाग्रत  हो  जाता  है  और  भ्रूण हत्या ,  दुष्कर्म ,  हत्या   जैसी  अमानवीय  घटनाएँ  होती  हैं  l  पुरुष  का  अहंकार ,  उसकी  निर्दयता ,  क्रूरता  तो  नारी  उत्पीड़न  का  बहुत  बड़ा  कारण  है  लेकिन   ईर्ष्या, द्वेष , लालच , वासना  आदि  अनेक  मानवीय  कमजोरियों  के  कारण  अनेक  महिलाएं  ही    किसी  अन्य   महिला  को  उत्पीड़ित  करने  में  पुरुषों  का  सहयोग  करती  हैं  और  वर्चस्व  के  लिए  स्वयं  भी  दूसरी  महिला  को  उत्पीड़ित  करती  हैं    जैसे  दहेज  आदि  अनेक    कारणों    से   परिवार  में  ही  नारी  के  प्रति  हिंसा  होती  है ,  उसे  सताया  जाता  है  l
      हमारी  सोच  सकारात्मक  हो  ,  नारी  और  पुरुष  दोनों  ही  एक - दूसरे  के  महत्व  को  समझें ,  अपने  ह्रदय  में  सद्गुणों  को  स्थान  दें  ,  तभी  एक  स्वस्थ  समाज  का  निर्माण  हो  सकता  है  l   

Friday 2 March 2018

आज मनुष्य लाशों पर राज करना चाहता है

' कायरता   इस  संसार  का  सबसे  बड़ा  कलंक  है  l   लोगों  पर  अहंकार  इस  कदर  हावी  है  कि  ऐसा  प्रत्येक  व्यक्ति  जिसके  पास  थोड़ी  भी  शक्ति  है -- चाहे  वह  पद  की  हो  या  धन  की ,  वह  ऐसे  लोगों  को  पसंद  करता  है  जो  उसके  इशारों  पर  उठे - बैठें ,  दिन  को  वो  रात  कहे  तो  उसकी  हाँ  में  हाँ  मिलाये  l 
  आज  लोगों  का  विवेक  सो  गया  है  ,  तुरत  लाभ  के  लिए  ,  लालच वश  वे  अपने  दिमाग  को  ताला  लगा  देते  हैं  और  दूसरे  के  हाथों  की  कठपुतली / पुतला   बन  जाते  हैं   l   ऐसे  ही  लोग  चलती - फिरती  लाश  होते  हैं  l  ऐसे  ही  लोगों  की  अब  भरमार  है ,  अपने  स्वाभिमान  को  मिटाकर  समर्थों  के  अहंकार  को  बढ़ावा  देते  हैं   l   जो   कठपुतली / पुतला  न  बने   उसका  बायकाट  करने  के  लिए  सारे  अहंकारी  एक  हो  जाते  हैं  ,  नैतिकता  को  ताक  पर  रखकर  हर  संभव  प्रयास  करते  हैं  l
  इस  समस्या  का  एक  ही  हल  है --- या  तो  किसी  तरह  लोगों  का  स्वाभिमान  जाग  जाये  ,  या  फिर  जिनके  भीतर  विवेक  हैं ,    स्वाभिमान  है ,  अपनी  मेहनत,  अपनी  योग्यता  की  दम  पर  जीना  चाहते  हैं  वे  संगठित  होकर  मजबूत  फौलाद  बन  जाएँ   l  

Thursday 1 March 2018

मनुष्य इतना निर्दयी, संवेदन हीन क्यों हो जाता है ?

  मनुष्य   के   भीतर  देव  और  दानव  दोनों  है   l   विज्ञान  ने  मनुष्य  को  संवेदन हीन  बना  दिया  है  , उसके  भीतर  का  राक्षस  जाग  गया  है  l   धन  और  पद  व्यक्ति  को  अहंकारी, दम्भी  बना  देता  है  और  वह  अपनी  शक्ति  का  दुरूपयोग  करने  लगता  है   l  अपने  अहंकार   की   पूर्ति  के  लिए  लोगों  पर  अत्याचार  करते  हैं  l  हर  क्रिया  की  प्रतिक्रिया  होती  है  l  गरीबी , भूख , बेरोजगारी  इसके  साथ  उपेक्षा  और  अपमान  ---- यह  सब  परिस्थितियां  व्यक्ति  को  अपराध  की  ओर  धकेलती  हैं  , व्यक्ति  का  तेजी  से  पतन  होने  लगता  है  l   अपराधी  व्यक्ति  कायर  होता  है   l    छोटे - छोटे  अबोध  बच्चों  पर  जुल्म  करना  कायरता  और  राक्षसी  प्रवृति  है   l  समस्या  की  गहराई  में  जो  मूल  कारण  हैं  उनका  समाधान  करने  से  ही  सुधार  संभव  है  l