कभी जब व्यक्ति को दस बजे से शाम पांच बजे तक काम मिल जाये तो माना जाता था कि उसे रोजगार मिल गया l अब वक्त बदल गया , अब व्यक्ति बोलना , सुनना , हँसना , चिल्लाना , नारे लगाना , बैठना , खड़े होना हर बात के पैसे कमाने लगा है l पेट भरने के लिए यह बुरा नहीं है l उर्जा का सदुपयोग होना जरुरी है l
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