Saturday, 24 November 2018

बदलते समय के अनुसार रोजगार के मायने भी बदल गए

  कभी    जब  व्यक्ति  को  दस  बजे  से  शाम  पांच  बजे  तक    काम  मिल  जाये  तो   माना  जाता  था  कि  उसे  रोजगार  मिल  गया  l  अब  वक्त  बदल  गया  ,  अब  व्यक्ति  बोलना ,  सुनना ,  हँसना  ,  चिल्लाना ,  नारे  लगाना ,  बैठना , खड़े  होना  हर  बात  के  पैसे  कमाने  लगा  है  l  पेट  भरने  के  लिए    यह   बुरा  नहीं  है   l  उर्जा  का सदुपयोग  होना  जरुरी  है  l  

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