जब व्यक्ति का लोभ व लालच मर्यादा की सीमा रेखा पार कर जाता है तब ऐसा व्यक्ति कायर व संवेदनहीन हो जाता है और अपने साथ ऐसे कायर व संवेदनहीन लोगों की भीड़ इकट्ठी कर लेता है और इनके पास सिर्फ एक ही काम होता है कि हर उचित - अनुचित तरीके से योग्य व्यक्ति को आगे मत आने दो , अन्यथा उनकी अयोग्यता का पर्दाफाश हो जायेगा l गलत तरीके से जो साजो - सामान , वैभव इकट्ठा किया है , उन्हें उसका भय सताता है l इस कारण ऐसे कायर व्यक्ति अपनी योग्यता नहीं बढ़ाते , अपनी सारी शक्ति योग्य व कुशल व्यक्ति को पीछे धकेलने में लगा देते हैं l
अँधेरा कितना भी घना हो , आखिर सूर्योदय तो होता ही है l
गुलामी के दिनों में अंग्रेजों ने भारतीयों को बहुत दीन- हीन व कमजोर समझा , बहुत अत्याचार किये l उन विपरीत परिस्थितियों में भी अनेक महान व्यक्ति हुए जिनके प्रयासों से देश को आजादी मिली l बुद्धिमानी इसी में है कि दूसरों को धक्का देकर आगे बढ़ने के बजाय अपनी योग्यता बढ़ाओ l
अँधेरा कितना भी घना हो , आखिर सूर्योदय तो होता ही है l
गुलामी के दिनों में अंग्रेजों ने भारतीयों को बहुत दीन- हीन व कमजोर समझा , बहुत अत्याचार किये l उन विपरीत परिस्थितियों में भी अनेक महान व्यक्ति हुए जिनके प्रयासों से देश को आजादी मिली l बुद्धिमानी इसी में है कि दूसरों को धक्का देकर आगे बढ़ने के बजाय अपनी योग्यता बढ़ाओ l
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