कहते हैं --विचार कभी नष्ट नहीं होते , एक बंद कमरे में , एक गुफा में बैठ कर भी आप विचार करेंगे तो वे संसार में फैल जायेंगे और अपना प्रभाव दिखायेंगे l मजदूरों की दीन- हीन दशा को सुधारने के लिए , शोषण से मुक्ति के लिए कार्ल मार्क्स ने क्रांतिकारी विचार प्रस्तुत किये , इससे पूंजीपति भयभीत हो गए , उन पर तरह - तरह से प्रतिबन्ध लगाये गए , देश - निकला भी दिया गया l लेकिन उनके विचार सारे संसार में फैल गए और उनका प्रभाव समाज में , संसार में देखा जा सकता है l
आज समाज में जो अत्याचार और अन्याय बढ़ रहा है , वीरता समाप्त हुई है कायरता बढ़ी है l किसी भी अपराध के पीछे वास्तविक अपराधी कौन है ? यह जानना भी कठिन हो गया है l ऐसे समय में यदि हमारी कल्पनाएँ , हमारे विचार श्रेष्ठ और सकारात्मक हों l विचार के साथ आचरण भी श्रेष्ठ हो तो सुधार संभव है l
आज समाज में जो अत्याचार और अन्याय बढ़ रहा है , वीरता समाप्त हुई है कायरता बढ़ी है l किसी भी अपराध के पीछे वास्तविक अपराधी कौन है ? यह जानना भी कठिन हो गया है l ऐसे समय में यदि हमारी कल्पनाएँ , हमारे विचार श्रेष्ठ और सकारात्मक हों l विचार के साथ आचरण भी श्रेष्ठ हो तो सुधार संभव है l
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