व्यक्ति जो भी अच्छे - बुरे कार्य करता है उसका प्रभाव उस स्थान विशेष के वातावरण पर पड़ता
है । युगों - युगों से शक्तिशाली वर्ग ने अपने से कमजोर को सताया है , असहनीय कष्ट दिया है । इसका कारण विभिन्न देशों में भिन्न - भिन्न होगा , लेकिन आधिक्य उन्ही घटनाओं का रहा जिसमे लोगों को बहुत अधिक शारीरिक और मानसिक कष्ट दिया गया । कहते हैं उन उत्पीड़ित लोगों की आहें उस स्थान विशेष पर वायुमंडल में रहती हैं इसलिए परिवार हो या राष्ट्र ---- चाहें कितनी भी भौतिक सम्पन्नता हो , इस नकारात्मकता के कारण अशान्ति रहती है ।
इससे बचने का एक ही तरीका है कि अब वर्तमान में किसी पर अत्याचार न करे , किसी को कष्ट न दे और जितना संभव हो नि:स्वार्थ भाव से सेवा - परोपकार के कार्य करे ताकि इससे उत्पन्न सकारात्मकता , वातावरण की नकारात्मकता को दूर भगा दे ।
है । युगों - युगों से शक्तिशाली वर्ग ने अपने से कमजोर को सताया है , असहनीय कष्ट दिया है । इसका कारण विभिन्न देशों में भिन्न - भिन्न होगा , लेकिन आधिक्य उन्ही घटनाओं का रहा जिसमे लोगों को बहुत अधिक शारीरिक और मानसिक कष्ट दिया गया । कहते हैं उन उत्पीड़ित लोगों की आहें उस स्थान विशेष पर वायुमंडल में रहती हैं इसलिए परिवार हो या राष्ट्र ---- चाहें कितनी भी भौतिक सम्पन्नता हो , इस नकारात्मकता के कारण अशान्ति रहती है ।
इससे बचने का एक ही तरीका है कि अब वर्तमान में किसी पर अत्याचार न करे , किसी को कष्ट न दे और जितना संभव हो नि:स्वार्थ भाव से सेवा - परोपकार के कार्य करे ताकि इससे उत्पन्न सकारात्मकता , वातावरण की नकारात्मकता को दूर भगा दे ।
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