Saturday 15 September 2018

जब धर्म , शिक्षा और चिकित्सा व्यवसाय बन जाये तो उस राष्ट्र की संस्कृति का पतन होने लगता है

  पतन  की  राह  बड़ी  सरल  है  I  जब  कामना , वासना  और  लालच  मन  पर हावी  हो  जाता  है   तब  व्यक्ति  को    धर्म ,  शिक्षा  और  चिकित्सा    जैसे  क्षेत्रों  की  पवित्रता  और  सेवा  भाव  से  कोई  मतलब  नहीं  रहता ,  इन  दुष्प्रवृत्तियों  में  अँधा  हुआ  व्यक्ति   अपने  साथ   सम्पूर्ण  समाज  को  ,  आने  वाली  पीढ़ियों  को  पतन  के  गर्त  में  धकेलता    है  I  कभी   महान  समाज  सुधारकों  ने  अनाथों ,  अपंगों , मजबूर  और  बेसहारा   बच्चे ,  बच्चियों  , महिलाओं  की  सुरक्षा   के  लिए  अनेक  कार्य  किये  ,  इतिहास में  उन्हें  स्थान  मिला  I  आज  की  स्थिति  देखकर  उनकी  आत्मा  को  कितना  कष्ट  होता  होगा  ,  सफेद पोश  के  पीछे  कितनी  कालिख  है  I
  केवल  समस्या  पर  चर्चा  करने  से  समस्या नहीं  सुलझती   I    पवित्र  और  सेवा  के    क्षेत्रों  को  व्यवसाय  बनाने  वालों  को  अब  सुधरना  होगा ,  बहुत  धन  कमा  लिया ,  अपनी  ओर  उम्मीद  लेकर  आने  वालों  का  हर  तरह  से  बहुत  शोषण  कर  लिया ,  संरक्षक  की  आड़  में  उत्पीड़न  किया  I  ईश्वर के  न्याय  से  डरो  I
  अभी  भी  वक्त  है  ,  इन  क्षेत्रों  के  पुरोधा    संकल्प  ले  लें  कि  कलंक  का  टीका  लगाकर  नहीं  जाना  है  ,  अपनी  कमजोरियों  पर  नियंत्रण  रख   स्वस्थ  समाज  का  निर्माण  करना  है  I  अच्छाई  की ओर  एक  कदम  बढ़ाना  जरुरी  है   I

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