आज संसार में अनेक लोग है , जो बहुत सद्गुणी है , कर्मयोगी हैं , लोक कल्याण के कार्य करते हैं , किसी का अहित नहीं करते हैं , सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं l लेकिन ये लोग संगठित नहीं हैं l अत्याचार और अन्याय को समाप्त करने के लिए अच्छाई को संगठित होना पड़ेगा l भगवान कृष्ण ने भी गीता में कहा है कि , यदि हम अत्याचारी को समाप्त नहीं करेंगे तो वह हमें समाप्त कर देगा l अन्यायी को समाप्त करने के लिए अस्त्र- शस्त्र और बाहुबल की नहीं धैर्य और विवेक और सावधानी की जरुरत है l जागरूक रहकर समय रहते संगठित होने से ही , अत्याचारी का अंत संभव होता है l
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