Saturday 4 August 2018

पापी और अनाचारी का साथ देने वाला भी उतना ही पापी होता है

   समाज  में   अपराध  इसलिए  बढ़ते  हैं  क्योंकि  समाज  में  ही  अनेक  समर्थ  और  शक्तिसंपन्न  लोग  उन्हें  संरक्षण  देते  हैं   l  इसके  पीछे  उनकी  सोच  यह  होती  है  कि  उस  अपराधी  के  माध्यम  से  वे  भी  अपनी  कामनाओं  और  वासनाओं  की  पूर्ति  करेंगे   और  समाज  में  शराफत  का  चोला  पहन  कर  रहेंगे  l  ऐसे  लोगों  पर  दुर्बुद्धि  का  प्रकोप  होता  है  ,  वे  सोचते  है  कि अपराधी  को  , पापी  को  संरक्षण  देने  से  वे  और  उनका  परिवार  उसकी  अपराधिक  गतिविधियों  से  बचा  रहेगा  l  वास्तव  में  ऐसा  होता  नहीं  है  l  जो  अपराधी  है ,  छोटी - छोटी  बच्चियों  व  बच्चों  के  साथ  जघन्य  अपराध  करते  हैं  ,  वे  मानसिक  रूप  से  विकृत  होते  हैं   l  वे  केवल  कमजोर   पर  ही  अत्याचार  नहीं  करते ,  वे  मौके  का  फायदा  उठाते  हैं  l  उनके  लिए  अपने - पराये ,  रिश्ते - नाते  का  कोई  अर्थ  नहीं  होता  l  जिन  स्थानों  पर ,  जिन  परिवारों  में  उनका  सरलता  से  आना - जाना  होता  है  ,  उनकी  मानसिक  विकृति  वहां  भी  अपराधों  को  अंजाम  देती  है   l  सच  यही  है  कि  अत्याचारी , अनाचारी  का  साथ  देने  वाले ,  उसे  संरक्षण  देने  वाले   अपने  हाथ  से  अपना  दुर्भाग्य  लिखते  हैं  ,  अपने  परिवार ,  अपने  प्रियजनों  को    पतन  की  गहरी  खाई  में  धकेलने  की  व्यवस्था  अपने  हाथ  से  करते  हैं  l  यह  कटु - सत्य  जितनी  जल्दी  समझ  में  आ  जाये   तो  समाज  में , परिवार  में    सुख - शांति   होगी   l   

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