अनैतिक तरीके से , भ्रष्टाचार से धन बड़ी तेजी से आता है , एक साधारण व्यक्ति देखते - देखते बहुत ही कम समय में करोड़पति बन जाता है l धन कमाने की यह गलत राह व्यक्ति चुनता ही इसलिए है कि इस असीमित धन से वह अपनी दमित कामनाओं - वासनाओं की पूर्ति कर सके l इससे समाज का नैतिक पतन तो होता ही है , इससे पूरा पर्यावरण प्रदूषित होता है l बड़े शहरों में तो इतनी कारें , वाहन आदि हैं कि खुला साफ आसमान दिखना मुश्किल हो गया है l इनमे असंख्य वाहन ऐसे होंगे जिनका उपयोग अनैतिक और अवैध कार्यों के लिए होता है l आज का व्यक्ति दोगला है , एक शहर में परिवार के साथ रहता है कि वह समाज का संभ्रांत नागरिक है , बहुत पैसा है , महँगी कारें हैं तो दूसरे शहरों में जाकर अपनी दुष्प्रवृतियों को अंजाम देते हैं ताकि उनकी असलियत लोगों को पता न चले l
हर तरह के अपराध , अनैतिक और अवैध कार्य इसी समाज में सबके बीच होते हैं लेकिन अपनी कमजोरियों के कारण सब उन्हें अनदेखा करते हैं l पाप और अपराध भी वैश्विक स्तर पर होने लगे
स्थिति तभी सुधरेगी जब कठोर दंड होगा और उसके भय से लोग स्वयं सुधरना चाहेंगे l
हर तरह के अपराध , अनैतिक और अवैध कार्य इसी समाज में सबके बीच होते हैं लेकिन अपनी कमजोरियों के कारण सब उन्हें अनदेखा करते हैं l पाप और अपराध भी वैश्विक स्तर पर होने लगे
स्थिति तभी सुधरेगी जब कठोर दंड होगा और उसके भय से लोग स्वयं सुधरना चाहेंगे l
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