' चिंता हमारे जीवन को घुन की तरह खाती है इस कारण मनुष्य कभी किसी लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाता l '
लगभग 92 प्रतिशत व्यक्तियों की चिंताएं उन कारणों को लेकर होती हैं जिन्हें बदल पाना हमारे हाथ में नहीं है l व्यक्ति के जीवन में कुछ चिंता ही ऐसी होती हैं जिनके पीछे सार्थक कारण होता है , उनकी चिंता में अपनी ऊर्जा बरबाद न कर के , उनके सम्बन्ध में चिंतन करना चाहिए l उचित समय पर विवेक से निर्णय लेकर उनका समाधान हो सकता है और सार्थक परिणाम प्राप्त किया जा सकता है l ईश्वर की प्रार्थना और सत्कर्मों से कठिन समय में जीवन को सही दिशा मिलती है l
लगभग 92 प्रतिशत व्यक्तियों की चिंताएं उन कारणों को लेकर होती हैं जिन्हें बदल पाना हमारे हाथ में नहीं है l व्यक्ति के जीवन में कुछ चिंता ही ऐसी होती हैं जिनके पीछे सार्थक कारण होता है , उनकी चिंता में अपनी ऊर्जा बरबाद न कर के , उनके सम्बन्ध में चिंतन करना चाहिए l उचित समय पर विवेक से निर्णय लेकर उनका समाधान हो सकता है और सार्थक परिणाम प्राप्त किया जा सकता है l ईश्वर की प्रार्थना और सत्कर्मों से कठिन समय में जीवन को सही दिशा मिलती है l
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