यदि हमारी सोच सकारात्मक है तो हर परिस्थिति में हम सुख से रह सकेंगे । जैसे हम 1000 रूपये लेकर बाजार जाते हैं, रास्ते में 700 रूपये गिर गये या चोरी हो गये । अब ये हमारी सोच पर निर्भर है कि हम खुश रहें या दुःख मनाये ।
यदि हमारी सोच नकारात्मक है तो हम दुःखी हो जायेंगे कि इतना नुकसान हो गया, लेकिन यदि हमारी सोच सकारात्मक है तो हम इस बात के लिए बहुत खुश होंगे कि कम से कम 300 रूपये तो बच गये । सकारात्मक सोच होने पर हम अपने नुकसान में भी कुछ अच्छाई ढूँढ लेंगे कि किसी जरूरतमंद के काम आयेंगे, उसके परिवार के छोटे बच्चे आज भरपेट भोजन कर लेंगे---- ऐसा कुछ भी अच्छा सोचकर हम अपने मन को प्रसन्न रखेंगे ।
हमें यह मान कर चलना है कि जब तक जीवन है कोई न कोई समस्या बनी रहेंगी, उचित यही होगा कि हम खुशी से उन्हें चुनौती मानकर उनका सामना करें ।
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