आज के समय में लोगों में निराशा, नकारात्मकता इतने गहरे तक छाई हुई है कि उसे मिटाकर सकारात्मकता कों स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा------
सर्वप्रथम हम इस सत्य को स्वीकार कर लें कि जब इनसान का जन्म मिला है तो मुसीबत, कठिनाइयां जीवन में आती रहेंगी ।
हमारा प्रयास यह हो कि इन कठिनाइयों रूपी परीक्षा में हम पास हो जायें, हमारा और हमारे परिवार का कोई अहित न हो ।
इसके लिए हमें ईश्वर पर, उस अज्ञात शक्ति पर विश्वास करना होगा । केवल बाह्य आडम्बर कर, हम स्वयं को ईश्वर-विश्वासी नहीं कह सकते । हमें प्रकृति द्वारा ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में पास होना है, कठिनाइयों के बीच शांत रहने और धैर्य व विश्वास से उनका सामना करने का आशीर्वाद चाहिए तो कुछ मेहनत करनी पड़ेगी ।
हम ईश्वर विश्वासी होने के लिए अपनी पूजा-प्रार्थना मे तीन बातों को सम्मिलित करें------
1.निष्काम कर्म करें 2.कर्तव्य पालन करें 3.कभी किसी का अहित न करें
इन तीन बातों को दिनचर्या में सम्मिलित करने से हमारा आत्म विश्वास बढ़ेगा, हमारी सोच सकारात्मक होंगी , अन्य सद्गुण भी खिंचे चले आयेंगे ।
सर्वप्रथम हम इस सत्य को स्वीकार कर लें कि जब इनसान का जन्म मिला है तो मुसीबत, कठिनाइयां जीवन में आती रहेंगी ।
हमारा प्रयास यह हो कि इन कठिनाइयों रूपी परीक्षा में हम पास हो जायें, हमारा और हमारे परिवार का कोई अहित न हो ।
इसके लिए हमें ईश्वर पर, उस अज्ञात शक्ति पर विश्वास करना होगा । केवल बाह्य आडम्बर कर, हम स्वयं को ईश्वर-विश्वासी नहीं कह सकते । हमें प्रकृति द्वारा ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में पास होना है, कठिनाइयों के बीच शांत रहने और धैर्य व विश्वास से उनका सामना करने का आशीर्वाद चाहिए तो कुछ मेहनत करनी पड़ेगी ।
हम ईश्वर विश्वासी होने के लिए अपनी पूजा-प्रार्थना मे तीन बातों को सम्मिलित करें------
1.निष्काम कर्म करें 2.कर्तव्य पालन करें 3.कभी किसी का अहित न करें
इन तीन बातों को दिनचर्या में सम्मिलित करने से हमारा आत्म विश्वास बढ़ेगा, हमारी सोच सकारात्मक होंगी , अन्य सद्गुण भी खिंचे चले आयेंगे ।
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