आज के समय में अधिकांश लोग अपने ज्ञान का , शक्ति का उपयोग लोक कल्याण के लिए , समाज को ऊँचा उठाने के लिए नहीं करते । अपितु उसका उपयोग अपने अहंकार की तुष्टि के लिए , अपने से कमजोर का शोषण करने के लिए और दूसरों को नीचा दिखाने के लिए करते हैं । ' महाभारत ' के समय में ' पाशुपत अस्त्र ' ' नारायण अस्त्र ' आदि अनेक ऐसे शक्तिशाली अस्त्र -शस्त्र थे , निर्दोष , निरपराध व्यक्ति पर उसका प्रयोग करने पर वह चलाने वाले का ही विनाश कर देते थे कोई भी शक्तिशाली अपनी उपलब्धियों का दुरूपयोग नहीं कर सकता था ।
लेकिन आज ऐसा नहीं है इसी लिए अशान्ति है , आपदाएं हैं ।
लेकिन आज ऐसा नहीं है इसी लिए अशान्ति है , आपदाएं हैं ।
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