आज लोगों के मन अशांत हैं , यही अशांति समाज में विभिन्न रूपों में दिखायी देती है | आतंक व अन्याय को दूर करने के लिए विभिन्न सरकारें प्रयास करती हैं ।
यदि हम संसार में स्थायी शान्ति चाहते हैं तो प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को बदलना होगा जो अहंकारी है , लालची है , क्रोधी है , कामांध है । क्योंकि इन दुष्प्रवृत्तियों के आधीन होकर ही व्यक्ति दूसरों को सताता है , उनका हक छीनता है , शोषण करता है । स्वयं को श्रेष्ठ समझ कर दूसरों की हँसी उड़ाना, उनकी उपेक्षा करना ---- ये सब ऐसी प्रवृतियां हैं जो पीड़ित के मन में बदले की भावना भर देती हैं । इसी से समाज में अशांति और अपराध होते हैं ।
हमें संकल्प लेकर स्वयं को बदलना होगा , अपनी दुष्प्रवृत्तियों को त्याग कर , सदगुणों को अपनाना होगा । जब गुणी व्यक्ति अधिकाधिक होंगे तभी शान्ति होगी ।
यदि हम संसार में स्थायी शान्ति चाहते हैं तो प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को बदलना होगा जो अहंकारी है , लालची है , क्रोधी है , कामांध है । क्योंकि इन दुष्प्रवृत्तियों के आधीन होकर ही व्यक्ति दूसरों को सताता है , उनका हक छीनता है , शोषण करता है । स्वयं को श्रेष्ठ समझ कर दूसरों की हँसी उड़ाना, उनकी उपेक्षा करना ---- ये सब ऐसी प्रवृतियां हैं जो पीड़ित के मन में बदले की भावना भर देती हैं । इसी से समाज में अशांति और अपराध होते हैं ।
हमें संकल्प लेकर स्वयं को बदलना होगा , अपनी दुष्प्रवृत्तियों को त्याग कर , सदगुणों को अपनाना होगा । जब गुणी व्यक्ति अधिकाधिक होंगे तभी शान्ति होगी ।
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