जो गरीब हैं , बेरोजगार हैं उनकी समस्या तो समझ में आती है लेकिन जो संपन्न हैं , उच्च पदों पर हैं , जिनकी पर्याप्त आय है ----- ऐसे लोग परेशान हैं तो इसका अर्थ है कि उन्हें जीवन जीना नहीं आता | व्यक्ति की अधिकांश समस्याएं उसकी स्वयं की आदतों की वजह से हैं । जैसे --- आज की युवा पीढ़ी के लोग जब पढ़ - लिख कर उच्च पदों पर पहुंचकर पर्याप्त कमाने लगते हैं तो वे अपने फालतू समय का उपयोग शराब , सिगरेट , आदि गलत आदतों में करते हैं । इससे उन्हें स्वयं नुकसान होता है । नशे की आदत होने से सेहत ख़राब होती है और वे अपनी आय का सकारात्मक उपयोग नहीं कर पाते । बचपन से ही यदि बच्चों को सिखाया जाये कि उनका जीवन अनमोल है , जो कुछ करना है , उन्हें इसी शरीर से करना है , उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में स्वस्थ रहना है तभी जीवन में सफल होंगे । जब व्यक्ति स्वयं से प्यार करना सीख जायेगा तो वह कोई ऐसा काम नहीं करेगा जिससे स्वयं का नुकसान हो । धन के लाभ - हानि के प्रति व्यक्ति जितना जागरूक रहता है , उतना ही यदि अपनी शारीरिक और मानसिक उर्जा के प्रति जागरूक रहे तो जीवन की अधिकांश समस्याएं सुलझ जाये ।
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