जब भी जीवन में दुःख और कष्ट का समय हो तो उसे रो - रोकर न गुजारें । रोना किसी भी समस्या का हल नहीं है । ऐसे कठिन समय में सत्कर्म अवश्य करें । अपने दुःख , अपनी परेशानी की चर्चा किसी से न करें । सकारात्मक कार्यों में स्वयं को व्यस्त रखे । और अपने मन में आशा का दीप जलाये रखें कि अँधेरा दूर होगा , जीवन में नई सुबह होगी ।
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