संसार में बहुत से लोग हैं जो सुख शान्ति से जीवन जीना चाहते हैं और इसके लिए वे अपनी परिस्थितियों से समझौता कर के , ईश्वर ने जो दिया है उसमे खुश रहते हैं । लेकिन अनेक लोग ऐसे भी हैं जो किसी को खुश नहीं देख सकते , ऐसे लोगों का मन अशांत होता है इसलिए वे जहाँ भी रहते हैं अशान्ति फैलाते हैं । प्रश्न ये है कि लोगों का मन इतना अशांत क्यों होता है ?
इसका कारण है ---- लोगों का खान-पान , जीवन - शैली । जो लोग बहुत मांसाहार करते हैं --- वे धीरे क्रूर प्रवृति के हो जाते हैं , उनके भीतर दया , करुणा , संवेदना जैसी म्रदुल भावनाएं समाप्त हो जाती हैं l शराब आदि नशीले पदार्थों के सेवन से मन अस्थिर हो जाता है , चरित्र सम्बन्धी अनेकों बुराइयाँ , विकार उत्पन्न हो जाते हैं l इसी तरह आतंक की और अश्लील फिल्मे देखने से लोगों की मानसिकता विकृत व प्रदूषित हो जाती है । ।
इसलिए यदि शान्ति चाहिए तो समस्त संसार को एक जुट होकर मांसाहार पर , आतंक की व अश्लील फिल्मों पर और नशे के व्यवसाय पर प्रतिबन्ध लगाना होगा । किसी भी समस्या के उत्पन्न होने के मूल कारणों को समाप्त कर दें तो समस्या भी हल हो जाएगी
इसका कारण है ---- लोगों का खान-पान , जीवन - शैली । जो लोग बहुत मांसाहार करते हैं --- वे धीरे क्रूर प्रवृति के हो जाते हैं , उनके भीतर दया , करुणा , संवेदना जैसी म्रदुल भावनाएं समाप्त हो जाती हैं l शराब आदि नशीले पदार्थों के सेवन से मन अस्थिर हो जाता है , चरित्र सम्बन्धी अनेकों बुराइयाँ , विकार उत्पन्न हो जाते हैं l इसी तरह आतंक की और अश्लील फिल्मे देखने से लोगों की मानसिकता विकृत व प्रदूषित हो जाती है । ।
इसलिए यदि शान्ति चाहिए तो समस्त संसार को एक जुट होकर मांसाहार पर , आतंक की व अश्लील फिल्मों पर और नशे के व्यवसाय पर प्रतिबन्ध लगाना होगा । किसी भी समस्या के उत्पन्न होने के मूल कारणों को समाप्त कर दें तो समस्या भी हल हो जाएगी
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