नैतिकता और मानवीय मूल्यों का ज्ञान न होने से जो समर्थ हैं , जिनके पास धन और पद की ताकत है , वे अपनी शक्ति का सदुपयोग नहीं करते l अपने अहंकार में , शक्ति के मद में वे कमजोर पर अत्याचार करते हैं l कहते हैं अत्याचार में भी एक नशा होता है , यदि अत्याचार को सहन किया जाये तो वह धीरे - धीरे बढ़ता जाता है , संगठित हो जाता है और अपने विरुद्ध उठने वाली हर आवाज को बंद कर देता है l
समस्या इसलिए बढ़ती जाती है --- यदि छोटे बच्चे - बच्चियों पर अत्याचार हुआ , उन्हें तरह -तरह से सताया गया , तो वे बेचारे छोटे हैं , ऐसे आतताइयों का मुकाबला कैसे करेंगे ? समाज के गरीब , कमजोर लोगों का शोषण हो , विभिन्न संस्थाओं में उत्पीड़न हो तो अकेला उत्पीड़ित व्यक्ति कैसे मुकाबला करे ? सबसे बड़ी गलती समाज के उस वर्ग की है जो धन के लालच में , कुछ सुविधाओं के लिए और सबसे बढ़कर अपने चेहरे पर जो शराफत का नकाब है उसे बचाने के लिए वे अत्याचारियों का साथ देते हैं , उनकी मदद करते हैं , उनका साथ दे कर उन्हें मजबूत बनाते हैं l
आज अच्छाई को , सत्य को संगठित होने की जरुरत है l यश प्राप्त करने की कामना को त्याग कर जब सुख-शांतिपूर्ण समाज व्यवस्था की चाह रखने वाले लोग संगठित होंगे , जियो और जीने दो , हम सब एक माला के मोती हैं --- इस विचारधारा के लोग संगठित होंगे , अत्याचार के विरुद्ध तुरन्त संगठित होकर खड़े होंगे तभी समाज से नशा , जीव हत्या , अत्याचार - अन्याय समाप्त हो सकेगा l
समस्या इसलिए बढ़ती जाती है --- यदि छोटे बच्चे - बच्चियों पर अत्याचार हुआ , उन्हें तरह -तरह से सताया गया , तो वे बेचारे छोटे हैं , ऐसे आतताइयों का मुकाबला कैसे करेंगे ? समाज के गरीब , कमजोर लोगों का शोषण हो , विभिन्न संस्थाओं में उत्पीड़न हो तो अकेला उत्पीड़ित व्यक्ति कैसे मुकाबला करे ? सबसे बड़ी गलती समाज के उस वर्ग की है जो धन के लालच में , कुछ सुविधाओं के लिए और सबसे बढ़कर अपने चेहरे पर जो शराफत का नकाब है उसे बचाने के लिए वे अत्याचारियों का साथ देते हैं , उनकी मदद करते हैं , उनका साथ दे कर उन्हें मजबूत बनाते हैं l
आज अच्छाई को , सत्य को संगठित होने की जरुरत है l यश प्राप्त करने की कामना को त्याग कर जब सुख-शांतिपूर्ण समाज व्यवस्था की चाह रखने वाले लोग संगठित होंगे , जियो और जीने दो , हम सब एक माला के मोती हैं --- इस विचारधारा के लोग संगठित होंगे , अत्याचार के विरुद्ध तुरन्त संगठित होकर खड़े होंगे तभी समाज से नशा , जीव हत्या , अत्याचार - अन्याय समाप्त हो सकेगा l
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