जिस भी समाज में लोगों को दंड का भय नहीं होता , अपराधी को मालूम होता है कि उसे बचाने वाले बहुत हैं इसलिए वह हिंसा , तोड़ फोड़ , आगजनी , लूटपाट आदि अपराध कर लोगों को आतंकित करते हैं l ऐसे अपराधियों की किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती ये तो बस कठपुतली हैं , यही इनकी आय का साधन है l समाज में ऐसे लोगों की अधिकता हो जाती है जो अन्याय को देखकर आँखें बंद कर लेते हैं l
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