आज  की  सबसे  बड़ी  समस्या  यह  है  कि   व्यक्ति  जागरूक  नहीं  है  l  युगों  की  गुलामी  सहने  के  कारण   लोगों  को  गुलाम  रहने  की  आदत  बन  चुकी  है ,  अब  वे  ' मानसिक  गुलाम '  हो  गए  हैं  |  अपने  छोटे - छोटे  स्वार्थों  के  लिए   वे  समर्थ  लोगों  के  हाथ  की  कठपुतली  बन  जाते  हैं  ,  उनके  एक  इशारे  पर  लड़ने - झगड़ने  और  दंगा - फसाद  करने  पर  उतारू  हो  जाते  हैं  l   थोड़ा  धैर्य  रखकर  सोचना  चाहिए   की  ऐसा करने  से उनका स्वयं  का  क्या  फायदा  है  l   स्वयं  की  जान  को  खतरा , परिवार  असुरक्षित  और  सबसे  बढ़कर   ऐसे  झगड़े - लड़ाई  में  समय  बरबाद  l  ईश्वर  ने  जो  सुख - साधन  दिए,  जब  उन्ही  का  चैन  से  आनंद  न  उठा  पाए ,  तो  ऐसा  जीवन  ही  बेकार  है  l
हर पल बीतने के साथ हमारी साँसे घटती जा रहीं है , अब जो शेष बचा है उसे तो स्वाभिमान से जिओ l यदि नेक रास्ते पर चलें , थोड़ा - बहुत दान - पुण्य , लोक कल्याण का कार्य करें तो हमारी हर जरुरत ईश्वर ही पूरी कर देते हैं , उसके लिए किसी की गुलामी की जरुरत नहीं है l
धैर्य , विश्वास और जागरूकता जरुरी है l
हर पल बीतने के साथ हमारी साँसे घटती जा रहीं है , अब जो शेष बचा है उसे तो स्वाभिमान से जिओ l यदि नेक रास्ते पर चलें , थोड़ा - बहुत दान - पुण्य , लोक कल्याण का कार्य करें तो हमारी हर जरुरत ईश्वर ही पूरी कर देते हैं , उसके लिए किसी की गुलामी की जरुरत नहीं है l
धैर्य , विश्वास और जागरूकता जरुरी है l
 
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