इस संसार में तरह-तरह की मानसिकता के लोग हैं । जब कोई व्यक्ति अपनी आदत का गुलाम हो जाता है तब वह आदत चाहें बुरी हो वह उसके समर्थन में अनेकों तर्क प्रस्तुत करता है
हमें एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि हमें गिनती की साँसे मिलती हें उन्हें हम व्यर्थ के तर्क करके न गंवायें । हम इस वैज्ञानिक युग में जी रहें है , किसी बुरी आदत को छोड़ने का हमारे शरीर व मन और पारिवारिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है , इसे अपने ऊपर एक प्रयोग कर के देखें------ जैसे---- एक महीने के लिए आप प्रकृति को साक्षी मानकर मांसाहार छोड़ने का संकल्प लें अब इस अवधि में आपका मन विचलित न हो इसके लिए निष्काम कर्म व ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें । अब इस एक महीने की अवधि में मांसाहार न करने पर आपके वजन मे, स्वास्थ्य में कोंई कमी नहीं आती तो इसका अर्थ है कि मांसाहार बिना भी स्वस्थ रहा जा सकता है ।
यदि और अधिक समय के लिए मांसाहार छोड़ेंगे तो आप स्वयं महसूस करेंगे कि मन में जो हर समय बेचैनी रहती थी वह अब नहीं है, क्रोध कम आता है, मांसाहार पर होने वाला अनावश्यक खर्च बच गया है, चेहरे पर सौम्यता आ जायेगी, शरीर स्वस्थ रहेगा, जीवन में आने वाली छोटी-मोटी समस्याएं आसानी से हल हो जायेंगी । मांसाहार छोड़ने के ऐसे अनेक सत्परिणाम जब आप स्वयं महसूस करेंगे तो आपके ह्रदय से ही यह प्रेरणा उत्पन्न होगी कि अब कभी मांसाहार नहीं करेंगे ।
हमें एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि हमें गिनती की साँसे मिलती हें उन्हें हम व्यर्थ के तर्क करके न गंवायें । हम इस वैज्ञानिक युग में जी रहें है , किसी बुरी आदत को छोड़ने का हमारे शरीर व मन और पारिवारिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है , इसे अपने ऊपर एक प्रयोग कर के देखें------ जैसे---- एक महीने के लिए आप प्रकृति को साक्षी मानकर मांसाहार छोड़ने का संकल्प लें अब इस अवधि में आपका मन विचलित न हो इसके लिए निष्काम कर्म व ईश्वर की प्रार्थना अवश्य करें । अब इस एक महीने की अवधि में मांसाहार न करने पर आपके वजन मे, स्वास्थ्य में कोंई कमी नहीं आती तो इसका अर्थ है कि मांसाहार बिना भी स्वस्थ रहा जा सकता है ।
यदि और अधिक समय के लिए मांसाहार छोड़ेंगे तो आप स्वयं महसूस करेंगे कि मन में जो हर समय बेचैनी रहती थी वह अब नहीं है, क्रोध कम आता है, मांसाहार पर होने वाला अनावश्यक खर्च बच गया है, चेहरे पर सौम्यता आ जायेगी, शरीर स्वस्थ रहेगा, जीवन में आने वाली छोटी-मोटी समस्याएं आसानी से हल हो जायेंगी । मांसाहार छोड़ने के ऐसे अनेक सत्परिणाम जब आप स्वयं महसूस करेंगे तो आपके ह्रदय से ही यह प्रेरणा उत्पन्न होगी कि अब कभी मांसाहार नहीं करेंगे ।
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