हम सब इनसान हैं और हम सबके जीवन में एक - न - एक समस्या बनी रहती है । जब समस्याओं से मुक्ति नहीं है तो उचित यही है कि हम इन समस्याओं के बीच भी मन को शांत रखना सीख लें इसके लिए सर्वप्रथम शर्त है ----- अज्ञात शक्ति पर , ईश्वर पर विश्वास । हम इस बात की गाँठ बाँध लें कि ईश्वर हमारा बुरा नहीं चाहते । ईश्वर बोलते नहीं हैं , वो परिस्थितियों के माध्यम से हमें सिखाना चाहते हैं , हमें मजबूत बनाना चाहते हैं । हमारे भीतर समझ पैदा करना चाहते हैं जिससे हम कष्टों में हताश न हों , और भी मजबूत बन जायें ।
ईश्वर विश्वास --- का अर्थ लोग पूजा - पाठ , प्रार्थना , कर्मकांड से लेते हैं । प्रत्येक मनुष्य अपने व्यक्तिगत जीवन में अपने तरीके से उपासना करता है लेकिन ईश्वर विश्वास का अर्थ है हम इस सत्य को स्वीकार करें कि ईश्वर हर पल हमारे साथ है , हम जिस मूर्ति की पूजा करते हैं वह सिर्फ मूर्ति नहीं है , ईश्वर हमें देख रहे हैं इसलिए हम सतर्क रहें , कोई गलत काम न करें , झूठ न बोलें, कामचोरी न करें , किसी को सताएं नहीं और सत्कर्म करें , खुशियाँ बांटने का प्रयास करें ।
ऐसा ही सच्चा विश्वास रखने से और धैर्य रखने से मन शांत रहता है ।
ईश्वर विश्वास --- का अर्थ लोग पूजा - पाठ , प्रार्थना , कर्मकांड से लेते हैं । प्रत्येक मनुष्य अपने व्यक्तिगत जीवन में अपने तरीके से उपासना करता है लेकिन ईश्वर विश्वास का अर्थ है हम इस सत्य को स्वीकार करें कि ईश्वर हर पल हमारे साथ है , हम जिस मूर्ति की पूजा करते हैं वह सिर्फ मूर्ति नहीं है , ईश्वर हमें देख रहे हैं इसलिए हम सतर्क रहें , कोई गलत काम न करें , झूठ न बोलें, कामचोरी न करें , किसी को सताएं नहीं और सत्कर्म करें , खुशियाँ बांटने का प्रयास करें ।
ऐसा ही सच्चा विश्वास रखने से और धैर्य रखने से मन शांत रहता है ।
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