अधिकांश व्यक्ति थोड़ी सी भी कठिनाई आने पर परेशान, निराश हो जाते हैं , जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर और पारिवारिक जीवन पर पड़ता है । हम समस्याओं के प्रति अपनी सोच सकारात्मक रखें तो यह समस्या हल हो जायेगी जैसे ---- शरीर में कोई बीमारी है , तकलीफ है तो हम बीमारी का दुःख न मनाये , यह सोचें कि इस बीमारी के बहाने ईश्वर हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहते हैं कि------ हम अपनी दिनचर्या नियमित करें, श्रेष्ठ चिंतन करें , अपने आप से प्यार करें , गलत आदतों को छोड़ दें । ऐसी जागरूकता से शरीर स्वस्थ रहेगा ।
इसी तरह व्यवसाय में हानि हो , कोई बड़ा आर्थिक नुकसान हो जाये तो कभी निराश न हों । जो खोया वो न देखें , जो बचा है उसके लिए खुश हों l यह समझे कि प्रकृति हमें सिखाना चाहती है कि हम किफायत से चलें , मितव्ययी बने , बचत करें ताकि ऐसा संकट आने पर भी पारिवारिक बजट फेल न हो । जिंदगी की गाड़ी सरलता से चलती रहे ।
इसी तरह व्यवसाय में हानि हो , कोई बड़ा आर्थिक नुकसान हो जाये तो कभी निराश न हों । जो खोया वो न देखें , जो बचा है उसके लिए खुश हों l यह समझे कि प्रकृति हमें सिखाना चाहती है कि हम किफायत से चलें , मितव्ययी बने , बचत करें ताकि ऐसा संकट आने पर भी पारिवारिक बजट फेल न हो । जिंदगी की गाड़ी सरलता से चलती रहे ।
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