आज मनुष्य के जीवन का उद्देश्य केवल धन कमाना रह गया है । इसका ईमानदारी और नैतिकता से कोई संबंध नहीं है । संसार की अधिकांश समस्याओं की जड़ यही है की कर्तव्य पालन में ईमानदारी नहीं है , दिखने में ऐसा लगता है कि लोग काम कर रहे हैं किन्तु काम तो कागजों में निपट जाता है , वास्तविकता के धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता । कर्तव्य की चोरी से व्यक्ति प्रकृति का ऋणी हो जाता है जिसे वह बीमारी, दुःख , तकलीफ आदि विभिन्न समस्याओं के रूप में चुकता है ।
सुख - शान्ति से जीना मनुष्य के अपने हाथ में है l सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही
शांतिपूर्ण जीवन जिया जा सकता है ।
सुख - शान्ति से जीना मनुष्य के अपने हाथ में है l सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलकर ही
शांतिपूर्ण जीवन जिया जा सकता है ।
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