सामान्यतया यह देखा जाता है कि लोगों के जीवन में कोई आकस्मिक दुर्घटना , विपत्ति , बीमारी आदि परेशानियाँ आ गईं तो वे सब मित्रों से , दूर - दूर के रिश्तेदारों से इसकी चर्चा करेंगे । ऐसा करने से वे परेशानियाँ घटती नहीं है बल्कि बार - बार उनकी चर्चा करने से वे ताजी बनी रहती हैं l जरुरी ये है कि ऐसे समय में सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रहें , श्रेष्ठ साहित्य का स्वाध्याय करें सबसे बढ़कर निष्काम कर्म की गति व मात्रा बढ़ा दें ।
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