शरीर का स्वस्थ होना जरुरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी है मन का स्वस्थ होना ।
दुनिया का इतिहास उठाकर देखें तो आज तक किसी पहलवान ने दुनिया पर राज नहीं किया ।
शरीर का स्वस्थ होना जरुरी है क्योंकि संसार के सारे काम इसी शरीर से होने है । लेकिन यदि जीवन में सफलता चाहिए , सुख - शान्ति चाहिए तो हमारे पास नैतिक बल होना चाहिए , चारित्रिक शक्ति होनी चाहिए ।
यदि स्वयं के जीवन की दिशा सही है , हम किसी का अहित नहीं कर रहे तो हमारे जीवन में जो समस्याएं आएँगी , वह बड़ी सरलता से हल हो जाएँगी ।
कहते हैं ' जब जागो तब सवेरा है " अब तक का जीवन कैसा बीता , उस बारे में सोचकर अपनी उर्जा बरबाद न करें | आज से ही संकल्प लें कि अपनी गलतियों को सुधारेंगे, सन्मार्ग पर चलेंगे ।
सबसे ज्यादा जरुरी है कि बच्चों को शुरू से ही सत्कर्म करने की आदत डाल दें, जैसे पक्षियों को दाना - पानी देना । इससे बचपन से ही बच्चों को खेल -खेल में निष्काम कर्म की आदत बन जाएगी । अच्छी आदतों से और सत्कर्म करने से ही आत्मिक शक्ति जाग्रत होती है , आत्म विश्वास बढ़ता है l अपने आचरण से शिक्षा देकर ही हम एक अच्छे परिवार का , समाज का निर्माण कर सकते हैं ।
दुनिया का इतिहास उठाकर देखें तो आज तक किसी पहलवान ने दुनिया पर राज नहीं किया ।
शरीर का स्वस्थ होना जरुरी है क्योंकि संसार के सारे काम इसी शरीर से होने है । लेकिन यदि जीवन में सफलता चाहिए , सुख - शान्ति चाहिए तो हमारे पास नैतिक बल होना चाहिए , चारित्रिक शक्ति होनी चाहिए ।
यदि स्वयं के जीवन की दिशा सही है , हम किसी का अहित नहीं कर रहे तो हमारे जीवन में जो समस्याएं आएँगी , वह बड़ी सरलता से हल हो जाएँगी ।
कहते हैं ' जब जागो तब सवेरा है " अब तक का जीवन कैसा बीता , उस बारे में सोचकर अपनी उर्जा बरबाद न करें | आज से ही संकल्प लें कि अपनी गलतियों को सुधारेंगे, सन्मार्ग पर चलेंगे ।
सबसे ज्यादा जरुरी है कि बच्चों को शुरू से ही सत्कर्म करने की आदत डाल दें, जैसे पक्षियों को दाना - पानी देना । इससे बचपन से ही बच्चों को खेल -खेल में निष्काम कर्म की आदत बन जाएगी । अच्छी आदतों से और सत्कर्म करने से ही आत्मिक शक्ति जाग्रत होती है , आत्म विश्वास बढ़ता है l अपने आचरण से शिक्षा देकर ही हम एक अच्छे परिवार का , समाज का निर्माण कर सकते हैं ।
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