आज हम देखते हैं कि सुरक्षा के साधनों , संचार के साधन , मनुष्य के लिए विभिन्न सुख - सुविधा के साधन इन सभी में बहुत प्रगति हुई है लेकिन जहाँ तक सुख शान्ति का सवाल है , शान्ति तो इन साधनों के सदुपयोग से ही संभव है और इन सबका सदुपयोग तभी होगा जब मनुष्य की बुद्धि स्थिर होगी । विभिन्न तरह के नशे करने से और मांसाहार करने से मनुष्य की बुद्धि स्थिर नहीं रहती और अस्थिर बुद्धि से किया गया कोई भी काम समाज का हित नहीं करता ।
मांसाहार करने से मनुष्य की पाशविक प्रवृतियां बढ़ जाती हैं उसके लिए किसी की हत्या करना बहुत सरल काम हो जाता है । संसार में शान्ति के लिए जरुरी है कि मन को अस्थिर करने वाले साधनों कर रोक लगायी जाये ।
मांसाहार करने से मनुष्य की पाशविक प्रवृतियां बढ़ जाती हैं उसके लिए किसी की हत्या करना बहुत सरल काम हो जाता है । संसार में शान्ति के लिए जरुरी है कि मन को अस्थिर करने वाले साधनों कर रोक लगायी जाये ।
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