जब  लोगों  के  विचार  अच्छे  होंगे ,  मन  बेलगाम  नहीं  होगा ,  उस   पर    थोड़ा - बहुत  नियंत्रण  होगा   तभी   संसार    में  शान्ति  होगी   ।  आज  के  समय  में  मन  को   स्थिर  व  शांत  रखने  वाले  साधन  कम
हैं । सामान्य जनता फिल्मों का अनुसरण करती है । हीरो , हिरोइन के वस्त्र डिजाइन आदि से ही सामान्य जनता में फैशन आता है । फिल्मों में प्रदर्शन और अश्लीलता की वजह से ही सबसे ज्यादा मानसिक प्रदूषण होता है ।
संसार में अति प्राचीन काल से ही पुरुष प्रधानता है , पुरुष को श्रेष्ठ समझा जाता है , यही स्थिति आज भी है । चाहे आज हम आधुनिक समाज में हैं लेकिन नारी पर अत्याचार कम नहीं हुए , बढ़ ही गये हैं । पुरुष ने हमेशा ही नारी को अपने से कम साबित किया है । यदि फिल्मों में अंग प्रदर्शन सम्मानजनक और श्रेष्ठता की बात होती तो पुरुष समाज कभी भी इसमें पीछे नहीं रहता लेकिन नारी को इस कार्य के लिए आगे रखना --- उसके माध्यम से धन कमाना और फिल्मों को हिट करना है ।
जागरूकता जरुरी है , तभी परिवार में , समाज में शान्ति होगी ।
हैं । सामान्य जनता फिल्मों का अनुसरण करती है । हीरो , हिरोइन के वस्त्र डिजाइन आदि से ही सामान्य जनता में फैशन आता है । फिल्मों में प्रदर्शन और अश्लीलता की वजह से ही सबसे ज्यादा मानसिक प्रदूषण होता है ।
संसार में अति प्राचीन काल से ही पुरुष प्रधानता है , पुरुष को श्रेष्ठ समझा जाता है , यही स्थिति आज भी है । चाहे आज हम आधुनिक समाज में हैं लेकिन नारी पर अत्याचार कम नहीं हुए , बढ़ ही गये हैं । पुरुष ने हमेशा ही नारी को अपने से कम साबित किया है । यदि फिल्मों में अंग प्रदर्शन सम्मानजनक और श्रेष्ठता की बात होती तो पुरुष समाज कभी भी इसमें पीछे नहीं रहता लेकिन नारी को इस कार्य के लिए आगे रखना --- उसके माध्यम से धन कमाना और फिल्मों को हिट करना है ।
जागरूकता जरुरी है , तभी परिवार में , समाज में शान्ति होगी ।
 
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