हम सब एक माला के मोती हैं , कोई एक फूल मुरझा जाये तो वह माला भी धीरे - धीरे मुरझाने लगती है l आज स्थिति ये है कि ऐसे लोग मिलने कठिन हैं जो सकारात्मक कार्यों में लगे हों l जो लोग अच्छा कमाने लगते हैं वे अपना शेष समय नशा , पार्टी , आदि बुरी आदतों में गंवाते हैं |
जिन लोगों के पास कोई रोजगार नहीं है , वे अपना समय नारेबाजी , जुलूस, बड़े लोगों की जी - हुजूरी जैसे नकारात्मक कार्यों में अपनी ऊर्जा और अपनी जिन्दगी के अमूल्य दिन गंवाते हैं |
कोई भी परिवार हो , समाज या राष्ट्र हो -- उसकी तरक्की और खुशहाली तभी संभव है जब उसके सदस्यों की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगी हो l
जिन लोगों के पास कोई रोजगार नहीं है , वे अपना समय नारेबाजी , जुलूस, बड़े लोगों की जी - हुजूरी जैसे नकारात्मक कार्यों में अपनी ऊर्जा और अपनी जिन्दगी के अमूल्य दिन गंवाते हैं |
कोई भी परिवार हो , समाज या राष्ट्र हो -- उसकी तरक्की और खुशहाली तभी संभव है जब उसके सदस्यों की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगी हो l
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