आज के समय में व्यक्ति अपने सुख से इतना सुखी नहीं है जितना कि वह दूसरों को दुःखी और परेशान देखकर खुश होता है । इसलिए मनुष्य सम्मिलित रूप से ऐसे प्रयास भी नहीं करता कि समाज में सुख - शान्ति हो । जिसके पास ताकत है , चाहे वह धन की हो , पद की हो या शारीरिक बल हो , इसके मद में व्यक्ति अन्य लोगों को कमजोर बनाये रखने का प्रयास करता रहेगा ताकि लोग उसके पास खुशामद करने आते रहें और अपने चारों ओर जरुरतमंदों की भीड़ देखकर उसके अहंकार को पोषण मिलता रहे ।
जैसे समर्थ व्यक्ति हो या संस्था जरूरतमंद को आर्थिक सहायता के रूप में नगद धन या कोई वस्तु देकर मदद करते हैं । यह राशी कितने दिन चलेगी ? थोड़े समय बाद इसके समाप्त होने पर फिर वह दीन- हीन हो जायेगा । लेकिन यदि उसे उसकी योग्यता के अनुरूप कोई रोजगार दे दिया जाये तो वह इससे प्राप्त आय से स्वयं का जीवन भी बना लेगा और परिवार का भी पालन - पोषण कर लेगा l
जैसे समर्थ व्यक्ति हो या संस्था जरूरतमंद को आर्थिक सहायता के रूप में नगद धन या कोई वस्तु देकर मदद करते हैं । यह राशी कितने दिन चलेगी ? थोड़े समय बाद इसके समाप्त होने पर फिर वह दीन- हीन हो जायेगा । लेकिन यदि उसे उसकी योग्यता के अनुरूप कोई रोजगार दे दिया जाये तो वह इससे प्राप्त आय से स्वयं का जीवन भी बना लेगा और परिवार का भी पालन - पोषण कर लेगा l
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