संसार में अच्छे लोग भी हैं लेकिन उनकी संख्या कम है और वे बिखरे हुए हैं l अधिकांश लोग अहंकारी हैं , जो सिर्फ अपनी हुकूमत चलाना चाहते हैं जिन्हें लोगों के हित से कोई मतलब नहीं है , केवल उनका स्वार्थ पूरा होना चाहिए l ऐसे लोग बदलना नहीं चाहते l अहंकार की वजह से स्वयं को गलत समझते ही नहीं हैं तो सुधार कैसे हो ? जब अच्छाई संगठित हो उसका प्रभाव जन -मानस पर पड़े तभी शांति संभव है l
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