अध्यात्म का अर्थ - जीवन से भागना नहीं है , संन्यासी बनना नहीं है l अध्यात्म का अर्थ है -- अपने अवगुणों को पहचानकर उन्हें दूर करना , सद्गुणों को अपनाना , कार्य को कुशलता से करना l कुशलता का मतलब चालाकी नहीं l कर्तव्य पालन ईमानदारी से हो तो संसार की अधिकांश समस्याएं हल हो जाएँ l योग की विभिन्न क्रियाओं से लाभ प्राप्त करने के लिए मन का परिष्कार जरुरी है l
यदि मन में छल - कपट , ईर्ष्या-द्वेष है , हमारा मन दूसरों को धोखा देने , उन्हें नीचा दिखाने, उनका हक छीनने में लगा है तो सारी बाहरी क्रियाएं व्यर्थ हैं l तरह तरह के आसन कर के भी चेहरा मलिन रहेगा l आध्यात्मिक क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं हो सकेगी l मन का परिष्कार ही अध्यात्म है l
यदि मन में छल - कपट , ईर्ष्या-द्वेष है , हमारा मन दूसरों को धोखा देने , उन्हें नीचा दिखाने, उनका हक छीनने में लगा है तो सारी बाहरी क्रियाएं व्यर्थ हैं l तरह तरह के आसन कर के भी चेहरा मलिन रहेगा l आध्यात्मिक क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं हो सकेगी l मन का परिष्कार ही अध्यात्म है l
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