अपराध चाहे छोटा हो या बड़ा , जब अपराधी को उसके लिए दंड नहीं मिलता तो दूसरों को भी प्रोत्साहन मिलता है l भ्रष्टाचार , बेईमानी आदि में तुरत लाभ ज्यादा है , इसका भविष्य में क्या परिणाम होगा , इस बारे में लोग नहीं सोचते l तुरत लाभ का आकर्षण इतना अधिक है कि कोई व्यक्ति , कोई संस्था इससे अछूती नहीं बचती l जो लोग जघन्य अपराध कर के बच जाते , वे और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ बन जाते हैं l जब कोई समाज इसी तरह लम्बे समय तक अपराधियों को छोड़ देता है तो एक समय ऐसा आता है जब हमारे चारों और ऐसे ही व्यक्ति होते हैं जो किसी न किसी अपराध में संलग्न होते हैं l अपराध उनकी आदत बन जाता है l
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