आज संसार में अशान्ति का सबसे बड़ा कारण है --- मनुष्य के मानसिक विकार -- काम , क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार आदि l यह सब विकार मनुष्य के ह्रदय को अपवित्र कर देते हैं और इसी अपवित्रता के कारण विभिन्न अपराध , दंगे - फसाद होते हैं l शारीरिक शुद्धता का कोई मतलब नहीं होता क्योंकि सबके शरीर में चाहे वह पुरुष हो या नारी मल-मूत्र , खून और न जाने क्या - क्या भरा है जो चिकित्सा के उपकरण की सहायता से देखा जा सकता है l लेकिन मन के विकारों को किसी उपकरण की सहायता से देखा नहीं जा सकता , यह तो व्यक्ति की क्रिया और उसके परिणामों से समझ में आता है l इन विकारों की वजह से मनुष्य की बुद्धि भ्रमित हो जाती है और वह अनैतिक , अमर्यादित कार्य कर के संसार में अशांति उत्पन्न करता है l इसलिए हमारा सारा प्रयास मन को पवित्र बनाने पर होना चाहिए l
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