जो भी व्यक्ति दान-पुण्य के महत्व को समझते हैं, वे समय-समय पर दान अवश्य करते हैं । अन्न-दान का बड़ा महत्व है । पशु-पक्षी हों या मनुष्य है, जिसे भी दाना, पानी, भोजन मिला उसकी आत्मा तृप्त हो जाती है फिर वह कुछ कहे या न कहे, प्रकृति से हमें उनका पुण्य फल अवश्य मिलता है ।
जो लोग बड़ी-बड़ी धन राशि दान करते हैं, चाहे वह धार्मिक कार्यों के लिए दें या सामाजिक कार्यों के लिए, उन्हें इस बात की जानकारी अवश्य रखनी चाहिए कि धन राशि प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस राशि का सदुपयोग कर रहा है अथवा नहीं, इसी तरह उन संस्थाओं में दान देना उचित है जो विभिन्न लोक कल्याण के कार्य करती हैं, जिनसे पीड़ितों को, दुःखी, निर्धन, अपाहिजों , आदिवासियों को मदद मिलती है ।
यदि आप दिल से चाहते हैं कि आप के मन को शान्ति मिले, आप ईश्वरीय कृपा का आनन्द अनुभव करें तो ऐसी बड़ी राशियों की निगरानी अवश्य करे, केवल कागजों में नहीं, वास्तविकता को जाने । अन्यथा उस से उत्पन्न होने वाला भ्रष्टाचार, अनाचार, अपराध आपका भी चैन छीन लेगा । यह संसार ईश्वर की बगिया है, हमें इसे सुन्दर बनाना है । हमारे कार्य ऐसे हों जिससे समाज में सकारात्मकता बढ़े, लोग आलसी न बने, पुरुषार्थी बने ।
भ्रष्टाचार, अनैतिकता न बढ़े, ये छूत के रोग की तरह हैं जो व्यक्ति की नसों में समां कर आने वाली पीढ़ियों को भी खोखला कर देते हैं
जो लोग बड़ी-बड़ी धन राशि दान करते हैं, चाहे वह धार्मिक कार्यों के लिए दें या सामाजिक कार्यों के लिए, उन्हें इस बात की जानकारी अवश्य रखनी चाहिए कि धन राशि प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस राशि का सदुपयोग कर रहा है अथवा नहीं, इसी तरह उन संस्थाओं में दान देना उचित है जो विभिन्न लोक कल्याण के कार्य करती हैं, जिनसे पीड़ितों को, दुःखी, निर्धन, अपाहिजों , आदिवासियों को मदद मिलती है ।
यदि आप दिल से चाहते हैं कि आप के मन को शान्ति मिले, आप ईश्वरीय कृपा का आनन्द अनुभव करें तो ऐसी बड़ी राशियों की निगरानी अवश्य करे, केवल कागजों में नहीं, वास्तविकता को जाने । अन्यथा उस से उत्पन्न होने वाला भ्रष्टाचार, अनाचार, अपराध आपका भी चैन छीन लेगा । यह संसार ईश्वर की बगिया है, हमें इसे सुन्दर बनाना है । हमारे कार्य ऐसे हों जिससे समाज में सकारात्मकता बढ़े, लोग आलसी न बने, पुरुषार्थी बने ।
भ्रष्टाचार, अनैतिकता न बढ़े, ये छूत के रोग की तरह हैं जो व्यक्ति की नसों में समां कर आने वाली पीढ़ियों को भी खोखला कर देते हैं
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