शान्ति और अशान्ति में पल भर का अंतर है । जिन समस्याओं को ले कर हम परेशान रहते हैं, उनके प्रति यदि हम अपनी सोच बदल लें तो हमारे मन में तुरन्त शान्ति आ जाये ।
आज समाज में धन-वैभव और ओहदे के आधार पर व्यक्ति का मूल्यांकन होने लगा है, इस स्थिति को उसने चाहे जिस भी तरीके से प्राप्त किया हो , इसी कारण समाज में अव्यवस्था , भ्रष्टाचार और पद पाने की होड़ लगी है ।
समाज में लोग स्वयं ही अपने छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए ऐसे धनी और पदों पर बैठे व्यक्तियों को घेरे रहते हैं, उनकी जी-हुजूरी कर उनके महत्व को बढ़ाते हैं, उनके अहंकार को पोषित करते हैं । यह सब देखकर अन्य महत्वकांक्षी व्यक्ति भी गलत तरीके से धन-दौलत और पद पाने की दौड़ में सम्मिलित हो जाते हैं ।
यदि आप शान्ति चाहते हैं तो ऐसे ' धनी ' व्यक्तियों को अपने धन के ढेर पर बैठे रहने दीजिए,
' ओहदे ' वाले अपनी कुर्सी पर बैठे रहें । किसी भी सहायता के लिए आप उनकी ओर न देखें | आप ईश्वर की सत्ता में और अपनी मेहनत, अपने श्रम पर भरोसा कीजिये । दूसरों को देख कर कभी परेशान ना हों । अपना कर्तव्य-पालन करो ।
अपने स्वाभिमान को जगाओ । देने वाला ईश्वर है ।
जब ऐसे व्यक्ति अधिक होंगे जो सत्कर्म और श्रेष्ठ गुणों के कारण ही किसी व्यक्ति का अभिनन्दन करेंगे तब ये अत्याचार, अन्याय स्वत: ही कम हो जायेगा ।
आज समाज में धन-वैभव और ओहदे के आधार पर व्यक्ति का मूल्यांकन होने लगा है, इस स्थिति को उसने चाहे जिस भी तरीके से प्राप्त किया हो , इसी कारण समाज में अव्यवस्था , भ्रष्टाचार और पद पाने की होड़ लगी है ।
समाज में लोग स्वयं ही अपने छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए ऐसे धनी और पदों पर बैठे व्यक्तियों को घेरे रहते हैं, उनकी जी-हुजूरी कर उनके महत्व को बढ़ाते हैं, उनके अहंकार को पोषित करते हैं । यह सब देखकर अन्य महत्वकांक्षी व्यक्ति भी गलत तरीके से धन-दौलत और पद पाने की दौड़ में सम्मिलित हो जाते हैं ।
यदि आप शान्ति चाहते हैं तो ऐसे ' धनी ' व्यक्तियों को अपने धन के ढेर पर बैठे रहने दीजिए,
' ओहदे ' वाले अपनी कुर्सी पर बैठे रहें । किसी भी सहायता के लिए आप उनकी ओर न देखें | आप ईश्वर की सत्ता में और अपनी मेहनत, अपने श्रम पर भरोसा कीजिये । दूसरों को देख कर कभी परेशान ना हों । अपना कर्तव्य-पालन करो ।
अपने स्वाभिमान को जगाओ । देने वाला ईश्वर है ।
जब ऐसे व्यक्ति अधिक होंगे जो सत्कर्म और श्रेष्ठ गुणों के कारण ही किसी व्यक्ति का अभिनन्दन करेंगे तब ये अत्याचार, अन्याय स्वत: ही कम हो जायेगा ।
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