आज व्यक्ति बाहरी साधनों , सुख - सुविधाओं में इतना खो गया है कि वह अपनी मानसिक उर्जा के बारे में कभी सोचता ही नहीं जबकि जीवन की सारी सफलता मानसिक उर्जा की बचत पर , मानसिक संयम पर निर्भर है |
आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग , आसन, प्राणायाम आदि कुछ भी कर लें , केवल इसी से दीर्घकालीन स्वास्थ्य और सफलता नहीं मिलेगी । यदि आपने अश्लील साहित्य पढ़ा , अश्लील चित्र देखे तो आप इसे भूल नहीं पायेंगे । मन चंचल है , अब चाहे आप पूजा करने बैठें या कोई और कार्य करे यह अश्लील चिंतन मन में चलता रहेगा । इससे एक ओर स्वास्थ्य पर बुरा असर होगा और किसी भी कार्य एकाग्र नहीं हो पायेंगे, बिना एकाग्रता के मन चाही सफलता नहीं मिलती ।
संसार में अच्छा - बुरा सब कुछ है । हम स्वयं से प्यार करें और समझें कि जीवन का सच्चा सुख और सफलता किस में है । जो साधन हमारे मन को भटकाते हैं उनसे दूर रहें ।
आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग , आसन, प्राणायाम आदि कुछ भी कर लें , केवल इसी से दीर्घकालीन स्वास्थ्य और सफलता नहीं मिलेगी । यदि आपने अश्लील साहित्य पढ़ा , अश्लील चित्र देखे तो आप इसे भूल नहीं पायेंगे । मन चंचल है , अब चाहे आप पूजा करने बैठें या कोई और कार्य करे यह अश्लील चिंतन मन में चलता रहेगा । इससे एक ओर स्वास्थ्य पर बुरा असर होगा और किसी भी कार्य एकाग्र नहीं हो पायेंगे, बिना एकाग्रता के मन चाही सफलता नहीं मिलती ।
संसार में अच्छा - बुरा सब कुछ है । हम स्वयं से प्यार करें और समझें कि जीवन का सच्चा सुख और सफलता किस में है । जो साधन हमारे मन को भटकाते हैं उनसे दूर रहें ।
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