प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में छोटी - बड़ी अनेक समस्याएं , उलझने आती रहती हैं , यदि विवेक न हो तो ये समस्याएं और उलझती चली जाती हैं ।
पढ़ - लिख कर बड़ी डिग्रियां लेकर मनुष्य स्वयं को बहुत बुद्धिमान समझता है लेकिन नशा , सिगरेट , तम्बाकू , अश्लील फिल्म व साहित्य आदि बुरी आदतों में अपना समय और उर्जा बरबाद करना मनुष्य की दुर्बुद्धि है । ऐसी आदतों से व्यक्ति की बुद्धि स्थिर नहीं रहती वह सही वक्त पर सही निर्णय नहीं ले पाता , इस कारण कभी छोटी समस्या भी विकराल रूप ले लेती है ।
बुरी आदतें इतनी आसानी से नहीं छूटती हैं इसलिए हम कम से कम एक अच्छी आदत को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें । नि:स्वार्थ भाव से कोई भी सेवा , परोपकार का कार्य अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें । एक यही सत्कार्य से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होने लगेगा ।
पढ़ - लिख कर बड़ी डिग्रियां लेकर मनुष्य स्वयं को बहुत बुद्धिमान समझता है लेकिन नशा , सिगरेट , तम्बाकू , अश्लील फिल्म व साहित्य आदि बुरी आदतों में अपना समय और उर्जा बरबाद करना मनुष्य की दुर्बुद्धि है । ऐसी आदतों से व्यक्ति की बुद्धि स्थिर नहीं रहती वह सही वक्त पर सही निर्णय नहीं ले पाता , इस कारण कभी छोटी समस्या भी विकराल रूप ले लेती है ।
बुरी आदतें इतनी आसानी से नहीं छूटती हैं इसलिए हम कम से कम एक अच्छी आदत को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें । नि:स्वार्थ भाव से कोई भी सेवा , परोपकार का कार्य अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें । एक यही सत्कार्य से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होने लगेगा ।
No comments:
Post a Comment