हमारी अधिकांश समस्याओं का कारण है ----- आलस | आज व्यक्ति सोचता है कि कम परिश्रम कर के ज्यादा पैसा कमा लें । इसके पीछे एक कारण यह भी है कि अधिकांश माता - पिता अपने बच्चों को सारी सुख - सुविधाएँ देकर बहुत आराम - तलबी से रखते हैं , इससे वे बच्चे बड़े होकर संघर्ष करने से डरते हैं । अपना कार्य दूसरों पर टालते हैं या करना भी पड़े तो बोझ समझ कर करते हैं । आलसी स्वभाव होने से ' आत्म निर्भर होना , स्वाभिमान से जीना ' जैसी भावना समाप्त हो जाती है , इससे बेईमानी और भ्रष्टाचार जैसी समस्या कि मेहनत न करनी पड़े , चालाकी से ज्यादा कमा लो --- ऐसे विचारों को बल मिलता है ।
आज पुन: गुरुकुल जैसी व्यवस्था की जरुरत है जहाँ बच्चों को गुरुमाता का स्नेह भी मिलता था और राजा हो या रंक , कृष्ण हों या सुदामा सबको अथक परिश्रम करके ज्ञान प्राप्त करना पड़ता था ।
वैज्ञानिक युग ने हमें बहुत सुविधाएँ दी हैं , हम इन सुविधाओं के साथ संघर्ष का समन्वय करें , ये सुख - सुविधा के साधन हमें आलसी न बनायें ।
आज पुन: गुरुकुल जैसी व्यवस्था की जरुरत है जहाँ बच्चों को गुरुमाता का स्नेह भी मिलता था और राजा हो या रंक , कृष्ण हों या सुदामा सबको अथक परिश्रम करके ज्ञान प्राप्त करना पड़ता था ।
वैज्ञानिक युग ने हमें बहुत सुविधाएँ दी हैं , हम इन सुविधाओं के साथ संघर्ष का समन्वय करें , ये सुख - सुविधा के साधन हमें आलसी न बनायें ।
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