निराशा का भावना तरक्की के रास्ते बंद कर देती है । यदि पारिवारिक जीवन में निराशा है तो सुख - शान्ति नहीं रहती , इसी तरह यदि आर्थिक क्षेत्र में निराशा ( मंदी ) हो तो जब लोगों को कोई काम नहीं मिल पाता इससे समाज में चोरी , लूट, डकैती , अपराध , व्यभिचार जैसी घटनाएँ बढ़ जाती हैं ।
लोगों में , विशेष रूप से युवाओं में उर्जा बहुत होती है , इसका सदुपयोग होना बहुत जरुरी है । यदि यह शक्ति गलत कार्यों में लग गई तो विकास अवरुद्ध हो जाता है ।
युवा भी अपना आदर्श ढूंढते हैं और उसके जैसा बनने का प्रयास करते हैं । आज के समय में जब भ्रष्टाचार का बोलबाला है , लोगों को दण्ड का भय नहीं है , तो अपना आदर्श किसे बनाये
पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ मानसिक प्रदूषण पर नियंत्रण जरुरी है ।
लोगों में , विशेष रूप से युवाओं में उर्जा बहुत होती है , इसका सदुपयोग होना बहुत जरुरी है । यदि यह शक्ति गलत कार्यों में लग गई तो विकास अवरुद्ध हो जाता है ।
युवा भी अपना आदर्श ढूंढते हैं और उसके जैसा बनने का प्रयास करते हैं । आज के समय में जब भ्रष्टाचार का बोलबाला है , लोगों को दण्ड का भय नहीं है , तो अपना आदर्श किसे बनाये
पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ मानसिक प्रदूषण पर नियंत्रण जरुरी है ।
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